पूर्व आईएएस मनीष वर्मा की जेडीयू में एंट्री होगी, बिहार चुनाव से पहले नीतीश दे सकते हैं बड़ा पद
नीतीश कुमार के सलाहकार और पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा मंगलवार को जेडीयू की सदस्यता ग्रहण करेंगे। बिहार चुनाव से पहले उन्हें बड़ी जिम्मेंदारी मिलने वाली है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में आधिकारिक रूप से एंट्री होने वाली है। उनके मंगलवार को पटना में जेडीयू की सदस्यता ग्रहण करने की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीएम नीतीश उन्हें पार्टी में कोई बड़ा पद देने वाले हैं। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। बता दें कि मनीष वर्मा अभी राज्य आपदा प्राधिकरण के सदस्य हैं। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति) ली थी। इसके बाद वे नीतीश के सलाहकार बन गए।
पूर्व अफसर मनीष वर्मा मूलरूप से नालंदा के रहने वाले हैं, जो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला भी है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में जेडीयू के लिए रणनीति बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए नीतीश अब मनीष वर्मा को सक्रिय राजनीति में लेकर आने वाले हैं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह भी चल रही है कि मनीष वर्मा, सीएम नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी बन सकते हैं। दरअसल, मनीष वर्मा सीएम की कुर्मी जाति से ही आते हैं और उनके दूर के रिश्तेदार भी बताए जाते हैं। वे ओडिशा कैडर के आईएएस रह चुके हैं। ओडिशा में विभिन्न पदों पर रहने के बाद 2012 में वे डेप्युटेशन पर पांच साल के लिए बिहार आ गए। इस दौरान वे पटना और पूर्णिया के डीएम रहे। 2018 में उन्होंने वीआरएस ले लिया। इसके बाद नीतीश ने उन्हें राज्य आपदा प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया और साथ ही मुख्यमंत्री के सलाहकार भी बन गए।
पिछले महीने दिल्ली में हुई जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले भी मनीष वर्मा को लेकर अटकलें चलीं। कयास लगाए गए कि उन्हें नीतीश कुमार पार्टी का संगठन महासचिव या कोई बड़ा पद दे सकते हैं। हालांकि, उस बैठक में राज्यसभा सांसद संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया। अब फिर से मनीष वर्मा चर्चा में आ गए हैं।
अटकलें हैं कि नीतीश कुमार उन्हें संगठन महासचिव जैसा कोई बड़ा पद दे सकते हैं। उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू छोड़कर जाने के बाद से पार्टी में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद भी खाली है। मनीष वर्मा को संसदीय बोर्ड की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। हालांकि, अभी तक पार्टी की ओर से इस बारे में कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है। मनीष वर्मा को जेडीयू संगठन में जो भी जिम्मेदारी मिले, इतना तय है कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के सभी बड़े फैसलों में वे अहम भूमिका निभाएंगे।