लखपति बनने के सपने में खाकपति बन रहे लोग... शराब से ज्यादा प्रतिबंधित लॉटरी का प्रचलन, पुलिस की शह पर चल रहा धंधा
इन दिनों अरिरया जिले के फारबिसगंज में किस तरह पुलिस सुस्त और प्रतिबंधित व अवैध लॉटरी टिकट के कारोबारी चुस्त है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर में शराब से ज्यादा लॉटरी का प्रचलन हावी हो...
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इन दिनों अरिरया जिले के फारबिसगंज में किस तरह पुलिस सुस्त और प्रतिबंधित व अवैध लॉटरी टिकट के कारोबारी चुस्त है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर में शराब से ज्यादा लॉटरी का प्रचलन हावी हो गया है। जिस तरह इस मामले पर पुलिस उदासीन बनी हुई है यह इस बात का उदाहरण है कि किस तरह पुलिस प्रशासन और अवैध टिकट कारोबारी का नक्शस संचालित है। पुलिस के रडार पर करीब एक दर्जन अवैध टिकट कारोबारी के नाम उजागर के बाद भी सनी एवं बबलू सहित कई अन्य ऐसे टिकट काउंटर है जो 24 घंटे खुली रहती है। आखिर इस काउंटर से किसका सीधा कनेक्शन है तथा कौन इसके कवच बने हुए हैं, यही सबसे बड़ा सवाल है।
बता दें पुलिस के ही सहयोग से ऐसे कारोबारी दशहरा पकेज के तहत दस करोड़ का टिकट बेचने में सफल रहे। कहते हैं इन दिनों पूरा शहर अवैध लॉटरी टिकट के मकड़जाल में जकर सा गया है। शराब से भी ज्यादा लॉटरी का कारोबार फल-फूल रहा है। करीब एक दर्जन से ज्यादा स्थाई काउंटर तथा 100 से ज्यादा सेलर सक्रिय है। खबर छपने के बाद बहुत ऐसे कारोबारी हैं जिन्हें लग रहा है कि अगर ऐसी ही परिस्थिति रही तो कारोबार बंद करना ही उचित होगा।
जानकार बताते हैं कि इस प्रतिबंधित व अवैध लॉटरी टिकट के कारोबार से जिस तरह गरीब लोग रातों-रात लखपति बनने के सपने में खाकपति बन गया है। वहीं पुलिस के सीधा संरक्षण दोनों के कारण विपरीत परिस्थिति में भी कारोबारी सन्नी और बबलू सहित अन्य काउंटर सोमवार को सारा दिन खुला रहा। कहा जाता है कि पुलिस की छापेमारी की योजना बनने के साथ ही इन्हें सूचना मिल जाती है। इसके बाद सभी अलर्ट हो जाते हैं।
पुलिस इस मामले में सक्रिय है। पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस थोड़ी व्यस्त जरूर है मगर सूचना संग्रह किया जा रहा है। ऐसे कारोबारी का बचना मुश्किल है तथा समाज को भी चाहिए कि ऐसे अवैध कारोबारी की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
-रामपुकार सिंह, डीएसपी