बाढ़ त्रासदी : उत्तर बिहार को राहत, मुजफ्फरपुर व दरभंगा में तबाही जारी
उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति में सुधार के बावजूद मुजफ्फरपुर व दरभंगा में तबाही जारी है। पश्चिम चंपारण में बाढ़ से राहत मिलनी शुरू हो गई है। पूर्वी चंपारण में भी नदियों का जलस्तर स्थिर हुआ है, पर...
उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति में सुधार के बावजूद मुजफ्फरपुर व दरभंगा में तबाही जारी है। पश्चिम चंपारण में बाढ़ से राहत मिलनी शुरू हो गई है। पूर्वी चंपारण में भी नदियों का जलस्तर स्थिर हुआ है, पर दरभंगा व मुजफ्फरपुर में बाढ़ अपने रौद्र रूप में अब भी कायम है।
मुजफ्फरपुर के मुरौल में तिरहुत नहर का बांध टूटने के बाद बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन तिरहुत नहर से निकलने वाले पानी ने दर्जनों पंचायतों को अपनी चपेट में ले दिया है। तिरहुत नहर के पूर्वी तटबंध के टूटने से नहर का पानी सकरा प्रखंड की कई पंचायतों में घुस चुका है। अब बाढ़ का पानी दोनमा बाझी व वैशाली के पातेपुर की ओर बढ़ रहा है, जहां के बाद यह गंगा में मिल जाएगा। वहीं, तिरहुत नहर के पश्चिमी तटबंध के टूटने के बाद नहर का पानी महमदपुर बदल होते हुए मुशहरी में प्रवेश कर रहा है।
उधर, बाया नदी के ओवरटॉप करने के बाद बाया का पानी पारू, साहेबगंज व सरैया प्रखंड में तेजी से फैलता जा रहा है। पानी सरैया होते हुए एनएच 722 की ओर बढ़ने लगा है। बागमती, लखनदेई व मनुषमारा के स्थिर होने से जिले के औराई, कटरा व गायघाट के पंचायतों में फैले पानी के स्तर में कमी आने लगी है। हालांकि, लोगों को अपने घर लौटने में अभी काफी समय लगेगा। वहीं, पड़ोसी जिले दरभंगा के केवटी में मंगलवार को चौथी बार महाराजी बांध टूटने से लोग दहशत में आ गए हैं। एक ही गांव में चौथी बार बांध टूटने के बाद पानी तेजी से गांव में फैलने लगा है। पानी का फैलाव आसपास के तीन गांव के अलावा बगल के शीशो पंचायत में भी हो गया है। बागमती के तटबंध में रिसाव जारी रहने के कारण दरभंगा शहर के किलाघाट, बाजितपुर, शिवाजीनगर सहित कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी कम नहीं हो रहा है। सिरसिया में तटबंध से रिसाव के कारण हायाघाट, बहेड़ी व कुशेश्वर स्थान पर संकट बरकरार है।
दरभंगा में बागमती के जलस्तर में पांचवें दिन एक सेमी. की कमी दर्ज की गई है। फिर भी यह खतरे के निशान से ऊपर है। जिले में अधवारा व कमला नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। मोतिहारी में गंडक व बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर रहने के कारण बाढ़ की स्थिति में सुधार आया है। गंडक बराज से मंगलवार को 1.64 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।