ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहारबिहार में बाढ़: देर रात औराई-कटरा में बिगड़े हालात, मिथलांचल में तटबंध टूटे

बिहार में बाढ़: देर रात औराई-कटरा में बिगड़े हालात, मिथलांचल में तटबंध टूटे

लगातार बारिश और नेपाल से पानी की लगातार आमद से उत्तर बिहार में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। नदियों ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। रविवार को उत्तर बिहार के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। देर रात...

बिहार में बाढ़: देर रात औराई-कटरा में बिगड़े हालात, मिथलांचल में तटबंध टूटे
लाइव हिन्दुस्तान टीम, मुजफ्फरपुर।Mon, 15 Jul 2019 03:35 PM
ऐप पर पढ़ें

लगातार बारिश और नेपाल से पानी की लगातार आमद से उत्तर बिहार में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। नदियों ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। रविवार को उत्तर बिहार के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। देर रात मुजफ्फरपुर के औराई, कटरा में हालात बिगड़ गये।  जिले के कटरा, औराई और गायघाट प्रखंड में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए डीएम आलोक रंजन घोष ने देर रात अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। डीएम ने तीनों प्रखंडों के लिए प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की। कटरा में अपर समाहर्ता आपदा, औराई में वरीय उपसमाहर्ता  और गायघाट में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बतौर प्रभारी अधिकारी प्रतिनियुक्त किये गये हैं। इनके साथ अलग अलग अफसरों की टीम बाढ़ राहत में काम करेगी।  सुबह चार बजे ही सभी को कूच करने का आदेश डीएम ने दिया है। 

इधर, पिछले 24 घंटे में 13 लोगों की मौत डूबने से हो चुकी है। इनमें पूर्वी चंपारण में आठ, शिवहर व सीतामढ़ी दो-दो तथा मधुबनी में एक व्यक्ति शामिल है। वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 90 हजार  क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंडक में भी लगातार जलवृद्धि दर्ज की जा रही है। मधुबनी के झंझारपुर में कमला बलान का तटबंध तीन जगहों पर टूट गया है। झंझारपुर के नरुआर, अंधराठाढी के रखवारी गांव के पास पूर्वी तटबंध टूटा है। रविवार सुबह पांच बजे झंझारपुर के गोपलखा गांव के ठीक सामने पश्चिमी तटबंध टूट गया। झंझारपुर के परतापुर के पास पूर्वी तटबंध में भी कटाव जारी है। इस पर भी खतरा मंडरा रहा है। कोसी, कमला एवं भुतही बलान की बाढ़ से मधेपुर प्रखंड की करीब एक लाख आबादी घिर गई है। वहीं नेपाल के धनुषा जिले के सघारा मलहनिया में कमला नदी का तटबंध शनिवार को टूट गया। इससे सीमावर्ती इलाके में तबाही मच गयी। धनुषा के जिला पदाधिकारी प्रदीप राज कनेल ने बताया कि यह तटबंध करीब 30 मीटर में टूटा है।

शिवहर जिले में बाढ़ की स्थिति और भी विकट है। दो प्रखंड मुख्यालयों सहित 3 दर्जन से अधिक गांवों का सड़क संपर्क भंग है। जिले में 60 गांव के 80 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। शिवहर जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय, व्यवहार न्यायालय, एसडीओ कार्यालय, शिक्षा विभाग के कार्यालय सहित कई विभागों के जिलास्तरीय कार्यालय बाढ़ के पानी से घिरे हैं। शिवहर थाना, शिवहर मंडल कारा एवं पुराने सदर अस्पताल के कमरों में पानी घुस गया है। मंडल कारा के कैदियों को बाढ़ को लेकर प्रथम तल पर शिफ्ट कराया गया। शिवहर बिजली ग्रिड में बाढ़ का पानी घुस जाने से पूरे जिले में विद्युत आपूर्ति बाधित है। डीएम, एसपी समेत सभी अफसर प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले रहे हैं। डीएम ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में लगी है।

पूर्वी चंपारण में एक दर्जन प्रखंडों में बाढ़ ने तबाही मचायी है। पताही, मधुबन, सुगौली, ढाका, रामगढ़वा, रक्सौल, पलनवा, आदापुर, फेनहरा, चिरैया, तेतरिया प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं। सुगौली नपं वार्ड नंबर 12 स्थित बूढ़ी गंडक नदी का रिंग बांध 10 फुट लंबाई में रविवार को ध्वस्त हो गया है।

पश्चिम चंपारण इलाके में नेपाल के समीपवर्ती प्रखंडों में बारिश थमने से पानी घटने का सिलसिला शुरू हो गया है। रविवार को सिकटा की ओरिया नदी का पश्चिमी तटबंध टूटने से लाइन परसा गांव पानी से घिर गया है। कठिया-मठिया के बीच में त्रिवेणी केनाल पथ टूटने से प्रखंड मुख्यालय समेत रक्सौल का संपर्क भंग हो गया है। बेतिया-मैनाटांड़ रोड में सकरौल-परसौनी पुल का एप्रोच ध्वस्त हो जाने से दर्जनभर गांवों का संपर्क भंग हो गया है। सिकरहना नदी में उफान के कारण बाढ़ का पानी लौरिया में चीनी मिल परिसर तक पहुंच गया है। नरकटियागंज-रामनगर रोड में करीब दो फीट व लौरिया-रामनगर रोड में करीब तीन फीट पानी बहने से जनजीवन बेहाल है। मुख्य अभियंता ने पीपी तटबंध का निरीक्षण कर रात-दिन चौकसी बरतने का निर्देश दिया है।

मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से कटरा के दर्जनों गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। स्कूल और मंदिर तक पानी में डूब गए हैं। कटरा की अधिकतर ग्रामीण सड़क पर पानी का तेज बहाव है। मुजफ्फरपुर शहर के आसपास सिकंदरपुर के निचले इलाकों में बूंढ़ी गंडक का पानी प्रवेश कर गया है।

सीतामढ़ी जिले में बाढ़ का पानी अबतक डेढ़ सौ से अधिक गांवों में प्रवेश कर गया है। सोमवार की रात शहरी क्षेत्र के अलावा डुमरा, बाजपट्टी व पुपरी प्रखंड के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया। हालांकि बागमती के जलस्तर में छह सेमी की कमी आयी है। बावजूद बागमती समेत अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। समस्तीपुर में भी गंगा नदी एवं बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि अभी सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं। शनिवार को दोपहर 12 बजे तक सरारी स्थल पर गंगा नदी का जलस्तर 43.25 मीटर मापा गया। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें