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बिहार में बाढ़ का डर: बागमती और कमला लाल निशान से ऊपर, मुजफ्फरपुर-दरभंगा के कई गांव पानी से घिरे

दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच उत्तर बिहार की कई नदियां लाल निशान से ऊपर बह रहीं तो कई खतरे के निशान को छूने को बेताब हैं। मंगलवार को मधुबनी में कमला खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर रही।...

बिहार में बाढ़ का डर: बागमती और कमला लाल निशान से ऊपर, मुजफ्फरपुर-दरभंगा के कई गांव पानी से घिरे
मुजफ्फरपुर। हिन्दुस्तान टीम ​Wed, 01 Jul 2020 02:27 AM
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दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच उत्तर बिहार की कई नदियां लाल निशान से ऊपर बह रहीं तो कई खतरे के निशान को छूने को बेताब हैं। मंगलवार को मधुबनी में कमला खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर रही। बागमती बेनीबाद में लाल निशान से 39 सेमी ऊपर रही।

वहीं जयनगर लदनिया के बीच एनएच 104 के डायवर्सन पर एक दिन पहले चढ़ा बारिश का पानी अभी उतरा नहीं है। आवागमन बाधित है।  मुजफ्फरपुर व दरभंगा के कई गांव पानी से अभी घिरे हैं।  ​

मुजफ्फरपुर में अचानक बागमती के जलस्तर में कमी आयी तो औराई और कटरा में लोगों ने राहत महसूस किया। हालांकि अभी दर्जनों गांव पानी से घिरे हैं। औराई व कटरा में तटबंध किनारे बसे गांवों का आवागमन बाधित है। यहां लोग चचरी का पुल इस्तेमाल करते थे जो बह गये हैं। मुजफ्फरपुर में रेवाघाट में गंडक का जलस्तर 53.30 मीटर पर है। यहां खतरे का निशान 54.41 मीटर पर है। बूंढ़ी गंडक का सिकंदरपुर में  जलस्तर बढ़ा है। यहां 47.01 मीटर पर जलस्तर रिकार्ड किया गया है जबकि लाल निशान 52.53 मीटर पर है।​

सीतामढ़ी के कई गांवों के निचले हिस्से में घुसा पानी :
सीतामढ़ी में लगातार बागमती के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। बागमती का पानी जिले के सुप्पी प्रखंड के जमला परसा,अख्ता समेत कई गांवों के निचले हिस्सों में फैल गया है। जिले की मरहा नदी के जलस्तर में वृद्धि से भीखा, बाजितपुर, पटदौरा, महुआ  गांव के निचले इलाकों में पानी भर गया है। खेतों में लगा बिचड़ा डूब गया है। हलांकि जिले में बागमती और अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं। ​

चंपारण में गंडक और बूढ़ी गंडक में जलवृद्धि, समस्तीपुर में नदियां स्थिर : ​
मंगलवार को वाल्मीकिनगर बराज से गंडक में 103700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंडक के साथ पश्चिम चंपारण में  सिकरहना व पंडई के जलस्तर में भी बढ़ोतरी जारी है। पूवी चंपारण में बूंढी गंडक और गंडक खतरे के निशान से नीचे है। ​

वहीं समस्तीपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। जबकि बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर है। गंगा के सरारी घाट पर सुबह जलस्तर 43.06 मीटर पर था। बागमती के जलस्तर में 18 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। इस जिले से गुजरने वाली सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं। ​
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मिथिलांचल में नदियां उफान पर, बाढ़ का खतरा  ​
मधुबनी के झंझारपुर में कमला खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर रही। यहां कमला का जलस्तर 50.50 मीटर दर्ज किया गया। वहीं अधवारा समूह की सहायक नदी धौंस में तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है। नदी के बढ़ते जलस्तर से जिले में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। बिस्फी में कई उपनहरों में पानी आने से खेतों में पानी फैलने लगा है। ​

  बागमती बेनीबाद में खतरे के निशान से 39 सेमी ऊपर रही। यहां जलस्तर 49.07 मीटर दर्ज किया गया। अधवारा कमतौल में 47.90 मीटर और एकमीघाट में 44.38 मीटर पर रही। कमला सोनवर्षा (सीतामढ़ी) में 79.19 मीटर व जयनगर में 67.52 मीटर पर बह रही है। घनश्यामपुर प्रखंड के निचले क्षेत्र में बसे 10 गांव अभी भी चारों ओर से पानी से घिरे हैं। यहां के सैंकड़ों परिवार के लिए नाव ही आवागमन का एकमात्र सहारा है। कुशेश्वरस्थान प्रखंड की तीन पंचायत पानी से घिरीं हैं। यहां भी लोग नाव से ही आवागमन कर रहे हैं। प्रखंड के कुंजभवन गांव में कटाव जारी है। ​
 

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