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गिरी गाज: विकास को दिल्ली ले जाने वाले पांच सिपाही और दारोगा सस्पेंड

विकास सिंह को पटना से दिल्ली ले जाने वाले एक दारोगा, एक हवलदार व तीन सिपाहियों को एसएसपी गरिमा मलिक ने सस्पेंड कर दिया है। सभी के ऊपर जांच बैठा दी गयी है। एसएसपी ने पटना पुलिस लाइन के डीएसपी आशीष...

गिरी गाज: विकास को दिल्ली ले जाने वाले पांच सिपाही और दारोगा सस्पेंड
पटना । वरीय संवाददाताTue, 10 Dec 2019 09:09 AM
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विकास सिंह को पटना से दिल्ली ले जाने वाले एक दारोगा, एक हवलदार व तीन सिपाहियों को एसएसपी गरिमा मलिक ने सस्पेंड कर दिया है। सभी के ऊपर जांच बैठा दी गयी है। एसएसपी ने पटना पुलिस लाइन के डीएसपी आशीष सिंह से इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।

पुलिस कप्तान ने यह स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच करने के लिये पटना पुलिस की टीम को दिल्ली भेजा जायेगा। सूत्रों की मानें तो अब तक हुई जांच में यह बात सामने आयी है कि विकास सिंह को भगाने में दो सिपाहियों की अहम भूमिका रही। दोनों में राजेश्वर कुंवर और सुशील कुमार सिंह शामिल हैं। ये सिपाही कई बार विकास को प्रोडक्शन वारंट के लिये दिल्ली ले जा चुके हैं। जबकि की एक हवलदार, सिपाही व दारोगा अखिलेश सिंह की भूमिका भी संदिग्ध है। विकास को दिल्ली ले जाने और वापस लाने की जिम्मेदारी दारोगा की थी। लेकिन उन्होंने जान-बूझकर अनदेखी की जिस कारण कुख्यात भाग निकला।

बिना हथकड़ी नीचे के कमरे में था विकास
पटना से पांच तारीख को चलने के बाद छह दिसंबर को पुलिसवाले विकास को लेकर पहाड़गंज स्थित हृदय पैलेस होटल में पहुंच गये। यहां दो कमरे बुक किये गये। 101 नंबर कमरा ग्राउंड फ्लोर पर था जिसमें विकास के साथ सिपाही राजेश्वर कुंअर और सुशील सो गये। जबकि तीसरे तल्ले पर स्थित कमरा नंबर 301 में दारोगा और बाकी के दो जवान सोने गये। विकास के हाथ में हथकड़ी नहीं थी। छह दिसंबर की रात सवा दस बजे वह भाग निकला।

खंगाला जायेगा होटल का सीसीटीवी कैमरा
पटना से दिल्ली जांच करने के लिये जाने वाली पुलिस टीम उस होटल का सीसीटीवी कैमरा खंगालेगी जहां विकास ठहरा था। इसके बाद विकास के भागने को लेकर और भी खुलासे होंगे। उसके अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

होटल में मस्ती की होगी जांच
पुलिसवालों को अपने जाल में फांसने के लिये विकास ने होटल में मस्ती के इंतजाम किये थे। अब वरीय पुलिस अधिकारी इस पहलू पर सभी पुलिसवालों से पूछताछ करेंगे। विकास के साथ और कौन-कौन लोग होटल में थे, इसका भी पता लगाया जायेगा।

पूरे प्रकरण पर एक नजर
पटना से पांच तारीख को पुलिस विकास को बेउर जेल से दिल्ली लेकर गयी। यहां नवी करीम थाना 31/07 में विकास का प्रोडक्शन वारंट था। छह तारीख की रात वह पुलिसवालों को चकमा देकर भाग निकला। इससे पहले होटल में विकास ने शानदार पार्टी की। पार्टी में पुलिसवाले मस्ती करने लगे जिसका फायदा उठाकर विकास भाग निकला। विकास पर पटना के कोतवाली थाने में 218/07 लूट और हत्या का मामला दर्ज है। इसमें उसे दस वर्षों के आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी। जबकि बेउर थाने के 145/10 मामले में ट्रायल चल रहा है। विकास गर्दनीबाग रोड नंबर छह का रहने वाला है।

उठ रहे सवाल
अपराधी को लेकर होटल में क्यों ठहर गये पुलिसवाले ? जबकि ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है ?
विकास के साथ कई बार सुशील और विकास नाम के सिपाही गये ? बार-बार इन सिपाहियों की ड्यूटी उसे ले जाने में कैसे लगा दी जाती थी?

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