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बिहार में छह दशक पहले मिथिलांचल में सिंचाई के लिए बनी पश्चिमी कोसी नहर योजना अब होगी पूरी

छह दशक पहले बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में सिंचाई के लिए शुरू हुई योजना के पूरा होने का समय आ गया। पश्चिमी कोसी नहर योजना का एक भाग पूरा हो गया है। जमीन के फेर में फंसी बाकी योजनाओं पर भी काम तेज हो...

बिहार में छह दशक पहले मिथिलांचल में सिंचाई के लिए बनी पश्चिमी कोसी नहर योजना अब होगी पूरी
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरोTue, 05 Jan 2021 03:01 PM
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छह दशक पहले बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में सिंचाई के लिए शुरू हुई योजना के पूरा होने का समय आ गया। पश्चिमी कोसी नहर योजना का एक भाग पूरा हो गया है। जमीन के फेर में फंसी बाकी योजनाओं पर भी काम तेज हो गया है। उम्मीद है कि बड़ा भाग तो इसी साल पूरा हो जाएगा। शेष काम भी अगले साल तक पूरा कर लेने का लक्ष्य जल संसाधन विभाग ने तय किया है।  

पश्चिमी कोसी नहर की सभी योजनाएं पूरी हो गईं तो मिथिला इलाके के दो लाख 65 हजार हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी मिलने लगेगा। इसके अलावा लगभग एक लाख हेक्टेयर में खत्म हुई सिंचाई क्षमता को री-स्टोर कर लिया जाएगा। अभी इस योजना से मात्र लगभग 70 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो पाती है। पश्चिमी कोसी नहर की झंझारपुर शाखा नहर के साथ इससे जुड़ी वितरणियों का काम लगभग पूरा हो गया है। इसके खैरी, चिकना और डुमरा उप वितरणी में कुछ काम बाकी है, जो इस साल पूरा हो जाएगा। इसी के साथ विभाग ने झंझारपुर शाखा नहर के जीर्णोद्धार का काम भी तेजी से शुरू कर दिया है। 

विभाग का मानना है कि उग्रनाथ शाखा नहर के साथ इसकी चार वितरणियों का काम भी इसी साल पूरा हो जाएगा। काकरघाटी शाखा नहर से निकली गोकुल बरूरआत उप वितरणी में भी मिट्टी का काम अभी बचा है, लेकिन तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि किंग्स नहर से निकलने वाली बलाट, दड़ीमा, परसौनी, सिमरी और बरही उपवितरणियों का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। इन सभी नहरों में बचे हुए काम तेजी से पूरा करने में इंजीनियर लगे हुए हैं।

1962 में ही बनी थी डीपीआर 
मिथिलांचल क्षेत्र में सिंचाई के लिए बनी इस योजना का डीपीआर 1962 का था। आश्चर्य है कि डीपीआर बनने के नौ साल बाद यानी 1971 में योजना का काम शुरू हुआ और लगभग 50 साल बाद भी यह योजना पूरी नहीं हो सकी। कई छोटे-छोटे भाग में काम नहीं होने से पूरी योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा था। अब विभाग ने इस योजना को पूरा करने का फैसला किया है। 

पश्चिमी कोसी नहर योजना
1971 में योजना का काम शुरू हुआ
2.65 लाख हेक्टयर में होनी है सिंचाई
70 हजार हेक्टेयर में अभी हो रही सिंचाई
91.82 किमी लंबी है मुख्य नहर