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बिहार के इस जिले में हो रही संतरे की खेती, किसानों ने दिखायी खेती की नई राह 

जहां चाह वहां राह। वैशाली जिले में भी संतरे की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। यहां के किसान भी इस खेती का लाभ उठा सकते हैं। हाजीपुर प्रखंड के अन्धवाड़ा गांव निवासी ब्रजमोहन शर्मा ने संतरे के कुछ...

बिहार के इस जिले में हो रही संतरे की खेती, किसानों ने दिखायी खेती की नई राह 
संवाद सूत्र,हाजीपुर Thu, 07 Dec 2017 05:57 PM
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जहां चाह वहां राह। वैशाली जिले में भी संतरे की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। यहां के किसान भी इस खेती का लाभ उठा सकते हैं। हाजीपुर प्रखंड के अन्धवाड़ा गांव निवासी ब्रजमोहन शर्मा ने संतरे के कुछ पौधों को सफलतापूर्वक उगाकर यह कारनामा कर दिखाया है। उसमें उन्नत किस्म के फल भी आए हैं।

इस तरह से उन्होंने किसानों को संतरे की खेती की नई राह दिखलाई है। हालांकि शर्मा कहते हैं कि इसकी बृहद रूप से खेती के लिए थोड़ी बहुत कृषि वैज्ञानिक की सहायता की भी आवश्यक होगी। उन्होंने उत्तर बिहार की मिट्टी और जलवायु को संतरे की खेती के लिए उपयुक्त बताया। ब्रजमोहन शर्मा ने प्रयोग के तौर पर वर्ष 2011-12 में तत्कालीन कृषि मंत्री के हाजीपुर आगमन पर खेती के संबंध में जानकारी दी थी। मंत्री की पहल पर जिला उद्यान पदाधिकारी ने आठ पौधा उपलब्ध कराया जिसे उन्होंने अपने आवासीय परिसर में लगाया और उचित देखभाल की।

2016 में कुछ फल उसमें आए, लेकिन 2017 में तकनीक विकसित की तो 2017 में अच्छी तरह से फल आए। गांव के लोग भी संतरे की खेती देखकर चकित हैं। सोमवार को उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और संतरे उन्हें भेंट किए। इसके बाद मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उद्यान विभाग के निदेशक अरविंद सिंह, जिला उद्यान अधिकारी विपिन कुमार पोद्दार गांव पहुंचे और डॉ. अजय कुमार गांव पहुंचे और संतरे के पौधों को देखा।

अवलोकन के बाद उन्होंने बताया कि अच्छा प्रयास है। इसकी खेती की अच्छी संभावना दिख रही है। इसका जल्द ही उत्पादन शुरू करेंगे और किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जाएगी। ब्रजमोहन शर्मा ने कहा कि इस फसल के साथ हल्दी एवं ओल की खेती जा सकती है। पांच से सात साल के पौधों की उत्पादन क्षमता 75 से 100 किलो है। तीस से पैतीस हजार रुपए प्रति कट्ठा आमदनी हो सकती है। 

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