जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.प्रभात कुमार का कोरोना से निधन, CM नीतीश समेत कई हस्तियों ने जताया शोक
देश के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रभात कुमार का कोरोना से निधन हो गया है। वे हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे।वहां उन्हें इकमो (एक्स्ट्रा कारपोलरी मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेशन...
देश के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रभात कुमार का कोरोना से निधन हो गया है। वे हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे।वहां उन्हें इकमो (एक्स्ट्रा कारपोलरी मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेशन सिस्टम) मशीन पर रखा गया था। उनके निधन की खबर मिलते ही बिहार के चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह, आइजीआइसी के डॉ. एके झा समेत कई वरिष्ठ चिकित्सकों इसे बिहार की बड़ी क्षति बताया है।
डा.प्रभात पिछले कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। कोरोना से संक्रमित होने के बाद पहले उनका पटना के मेडिवर्सल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। यहां से उनकी स्थिति नहीं सुधरी तो उन्हें एयर एंबुलेंस कर हैदराबाद ले जाया गया था। वहां उनका लंग ट्रांसफर की भी तैयारी की गई थी। डॉ.प्रभात पटना के सबसे व्यस्त कार्डियोलॉजिस्ट में गिने जाते थे। उन्हें दिखाने के लिए मरीज कई महीने तक का इंतजार करने से भी नहीं घबड़ाते थे। डा. प्रभात के निधन के बाद उनके शुभचिंतक सोशल मीडिया पर दु:ख व्यक्त कर रहे हैं।
पटना में उपलब्ध कराई थी एंजियोप्लास्टी की सुविधा
डा. प्रभात को बिहार में आम लोगों के लिए एंजियोप्लास्टी की सुविधा उपलब्ध कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी जाना जाता है। पहले लोगों को एंजियोप्लास्टी के लिए बड़े संस्थानों और शहरों का रुख करना पड़ता था। डॉ. प्रभात ने यह सुविधा पटना में ही उपलब्ध कराई। उन्होंने मेडिका हार्ट इंस्टीट्यूट को स्थापित करने में भी बड़ी भूमिका निभाई। डा.प्रभात ने चिकित्सा क्षेत्र में अपने कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1997 में पीजी करने के बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से की थी। वे इनवेसिव और नन इनवेसिव दोनों तरह के कार्डियक इलाज करते थे।
सीएम नीतीश ने बताया बड़ी क्षति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रभात कुमार हृदय रोग के प्रख्यात डाक्टर थे। वह बिहार में एंजियोप्लास्टी की सुविधा देने वाले पहले कार्डियोलाजिस्ट थे। बिहार के लोगों को एंजियोप्लास्टी के लिए पहले एम्स या फोर्टिस जैसे संस्थानों में जाना पड़ता था, लेकिन डॉ. प्रभात ने यह सुविधा पटना में उपलब्ध कराई। डॉ. प्रभात समाज सेवा के कार्यों से भी जुड़े थे। गरीबों का मुफ्त इलाज भी करते थे। उनके निधन से चिकित्सा जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।