बिहार में विकास कार्यों के लिए हर पंचायत को औसतन 41 लाख रुपये मिलेंगे
बिहार की त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 15 वें वित्त आयोग के अनुदान के तहत 5018 करोड़ रुपए मिलने हैं। इनमें ग्राम पंचायतों को 70 प्रतिशत हिस्सा अर्थात करीब 3500 करोड़...
बिहार की त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 15 वें वित्त आयोग के अनुदान के तहत 5018 करोड़ रुपए मिलने हैं। इनमें ग्राम पंचायतों को 70 प्रतिशत हिस्सा अर्थात करीब 3500 करोड़ मिलेंगे। राज्य में ग्राम पंचायतों की संख्या 8386 है। इस हिसाब से उक्त मद में राज्य के हर पंचायत को औसतन 41 लाख रुपए इस वित्तीय वर्ष में मिलेंगे। हालांकि पंचायतों को यह राशि उनकी आबादी और उनके क्षेत्र के आकार के हिसाब से तय होगी। इस तरह दो पंचायतों को मिलने वाली राशि में अंतर भी होगा।
15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली राशि का बंटवारा इस बार त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में होना है। 70 प्रतिशत हिस्सा ग्राम पंचायत 20 प्रतिशत पंचायत समिति और 10 प्रतिशत जिला परिषद को मिलना है। पंचायती राज विभाग को यह राशि दो किस्तों में मिलेगी। पंचायतीराज विभाग को केंद्र सरकार से पहली किस्त जल्द मिलने की उम्मीद है। वहीं इस मद की दूसरी किस्त की राशि अक्टूबर-नवंबर में मिलने की उम्मीद है। केन्द्र सरकार से राशि मिलने के बाद विभाग के स्तर से ही यह राशि सीधे पंचायतों के खाते में भेज दी चली जाएगी। पंचायतों में इस राशि का उपयोग विभिन्न विकास के कार्यों में होगा।
साथ ही पेयजल में भी इसका उपयोग हो सकेगा। गौरतलब हो कि 14वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली राशि का पूरा हिस्सा ग्राम पंचायतों को गया था। 15 वें वित्त आयोग में राशि का बंटावारा होगा।