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बिहार में उत्पन्न हो सकती है सूखे की स्थिति : CM नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दोनों सदनों के सदस्यगण यह जान लें कि पर्यावरण में बहुत तरह का परिवर्तन आ गया है। 1966 में सूखे की भयंकर स्थिति उत्पन्न हुई थी और उस समय राहत के लिए सरकारी तंत्र भी...

बिहार में उत्पन्न हो सकती है सूखे की स्थिति : CM नीतीश
पटना हिन्दुस्तान टीमSat, 29 Jun 2019 10:24 AM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दोनों सदनों के सदस्यगण यह जान लें कि पर्यावरण में बहुत तरह का परिवर्तन आ गया है। 1966 में सूखे की भयंकर स्थिति उत्पन्न हुई थी और उस समय राहत के लिए सरकारी तंत्र भी नहीं के बराबर था। इस बार जिस प्रकार से जेठ माह में 20 से 25 दिनों तक पुरवइया हवा चली है, उससे यह साफ हो गया है कि सावन के महीने में धूल उड़ेगी। इसलिए हमें अंदेशा है कि इस बार भी बिहार में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हालांकि कुदरत की कृपा हो जाय तो कुछ राहत मिल सकती है। 

सीएम ने कहा कि मिथिला क्षेत्र में भूजल स्तर इतना नीचे चला जाएगा इसकी परिकल्पना किसी ने नहीं की थी। इससे स्पष्ट है कि भयंकर स्थिति आने वाली है। कुछ राज्यों में वर्षा हो रही है जहां से नदियों के माध्यम से बिहार में भी बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं,  लेकिन जहां वर्षा होती थी वहां न के बराबर वर्षा हो रही है। इसलिए सूखे का खतरा ज्यादा है। ऐसी स्थिति में नई-नई बीमारियां भी पनपती हैं। 

उन्होंने कहा कि इस बार लू और वज्रपात का कहर भी काफी लोगों को झेलना पड़ा है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हम सभी को प्रकृति के प्रति सजग होना पड़ेगा। दोनों सदनों के सदस्यों को प्राकृतिक चीजों के बारे में जागरूक होना पड़ेगा। विधानमंडल सत्र के अलावा हर क्षेत्र से जुड़े विषयों पर भी यहां अलग से विचार-विमर्श होना चाहिए, जिसमें अनुभव के आधार पर सदस्यगण अपनी बातें रख सकें। 

विधानसभा के अध्यक्ष और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति से आग्रह किया कि विधानमंडल सत्र से अलग एक्सपर्ट और अधिकारियों की उपस्थिति में सूखे का खतरा, बाढ़ की आशंका, पर्यावरण के प्रति सजगता के साथ ही स्वच्छता जैसे विषयों पर बिना देर किये इंटरेकशन का कार्यक्रम निर्धारित करिये। इस इंटरेकशन में सभी सदस्यगण अपने-अपने क्षेत्र के बारे में अपनी बातें रखेंगे जो रिकार्डेड होगा। कार्यक्रम के माध्यम से जो भी समस्याएं सामने आएंगी, उसके निराकरण के लिए पूरी गंभीरता के साथ अविलम्ब कार्रवाई की जाएगी, ताकि लोगों को राहत मिल सके। इसमें जो भी अधिकारी लापरवाह पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

सीएम ने व्यक्तिगत रुचि ली : विजय
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार विधानसभा सचिवालय की नियुक्ति नियमावली, 2018 का निर्माण मुख्यमंत्री के मार्ग निर्देश के अनुरूप किया गया है। मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर इस विषय पर अपनी व्यक्तिगत रूचि लेकर इसे मूर्त्त रूप दिलवाया है। चयनित 54 सहायकों में से 26 अभियंत्रण पृष्ठभूमि से हैं। इसमें आईआईटी से एमटेक तक की डिग्री प्राप्त अभ्यर्थी भी शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि कभी बीपीएससी पांच-पांच साल की सिविल सेवा की परीक्षाएं एक साथ लेता था। मगर, पहली बार 2019 में नियमित परीक्षा हुई। उन्होंने कहा कि तकनीकी सेवा आयोग 2400 विशेषज्ञ चिकित्सक और 6379 कनीय अभियंताओं की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से कर रहा है। कार्यक्रम को संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार एवं विधायक अब्दुलबारी सिद्दिकी ने भी संबोधित किया।  

बीसीए को नहीं दिया जाएगा स्टेडियम : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अथवा किसी अन्य को मोइनुल हक स्टेडियम की अथॉरिटी नहीं दी जा सकती है। इस स्टेडियम को राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार करेगी। बीसीसीआई और आईसीसी के मानकों पर तैयार होगा, ताकि यहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच हो सकें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो 100 करोड़ रुपये तक सरकार खर्च करेगी। इसकी गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेडियम को मामूली किराये पर किसी को दिया जा सकता है, पर इसकी अथॉरिटी नहीं दी जा सकती है। इस स्टेडियम को किसी को देने के लिए जैसे ही एमओयू किया जाएगा, वैसे ही वह एजेंसी उलझन में डाल देगी। किसी को अथॉरिटी देने का स्थानीय लोगों का भी बड़ा विरोध है। आखिर स्थानीय बच्चे वहां कैसे खेलेंगे?स्टेडियम का बाहरी हिस्सा स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षित रहेगा। इस तरह का प्रस्ताव उनके पास आया था। उन्होंने कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का निर्देश दिया है।

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