एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर नहीं चाहिए, सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालेंगे चिराग पासवान
केंद्रीय मंत्री और लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान ने एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का विरोध करते हुए कहा कि आज भी बड़े दलित नेता भी मंदिर जाते हैं, तो उसे गंगाजल से धोया जाता है।

SC SC Reservation Sub-quota Creamy Layer: अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग में क्रीमी लेयर बनाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आपत्ति जताई है। चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर किए जाने का फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते हैं, लेकिन इस बात पर हमारी पार्टी को आपत्ति है। इसलिए हम लोग पुनर्विचार की मांग करते हुए याचिका दाखिल करने जा रहे हैं। दो दिन पहले भी लोजपा (रामविलास) ने बयान जारी कर एससी एसटी आरक्षण में सब कैटगरी बनाने और क्रीमी लेयर लाने का विरोध किया था।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सह लोजपा (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान ने पटना स्थित मौर्य होटल में शनिवार को खाद्य प्रसंस्करम उद्यमियों के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि एससी की जहां तक बात है उसमें ऐसी जातियां हैं, जिसका आधार छुआछूत है। इसलिए इसमें आरक्षण के अंदर आरक्षण का कोटा लाने का प्रावधाननहीं आ सकता है। साथ ही क्रीमी लेयर का प्रावधान नहीं हो सकता है।
चिराग ने आगे कहा कि दलित समाज के संपन्न लोगों के साथ छुआछूत के आधार पर भेदभाव आज भी हो रहा है। दलित समाज के बड़े नाम भी हैं जो मंदिर में जाते हैं तो मंदिर को गंगाजल से धोया जाता है। यह दर्शाता है कि भेदभाव छुआछूत के आधार पर हो रहा है।
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा एससी और एसटी आरक्षण में सब कैटगरी बनाने को मंजूरी दी। साथ ही राज्यों से इन वर्गों में ओबीसी की तर्ज पर क्रीमी लेयर बनाकर आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न लोगों को बाहर करने की नीति बनाने के भी निर्देश दिए गए। इसके बाद से एससी एसटी आरक्षण पर देशभर में बहस छिड़ी हुई है।