बिहार में जल सैलाब, आठ लाख की आबादी प्रभावित, नहीं दिख रहा सामुदायिक किचन
उत्तर बिहार में जल सैलाब का कहर बढ़ता ही जा रहा है। विभिन्न जिलों में बांध, पुलिया, सड़क के बहने का सिलसिला जारी है वहीं करीब आठ लाख की आबादी बाढ़ प्रभावित बताये जा रहे हैं। इनमें मुजफ्फरपुर में करीब...
उत्तर बिहार में जल सैलाब का कहर बढ़ता ही जा रहा है। विभिन्न जिलों में बांध, पुलिया, सड़क के बहने का सिलसिला जारी है वहीं करीब आठ लाख की आबादी बाढ़ प्रभावित बताये जा रहे हैं। इनमें मुजफ्फरपुर में करीब डेढ़ लाख, पूर्वी चंपारण में दो लाख, दरभंगा में डेढ़ लाख, पश्चिम चंपारण व समस्तीपुर में करीब डेढ़ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। सहायता के नाम पर मुजफ्फरपुर में करीब छह, पूर्वी चंपारण में एक दर्जन, दरभंगा में भी आधा दर्जन सामुदायिक किचन चालू करने का दावा किया गया है। हालांकि जमीन पर अभी सामुदायिक किचन काम करता दिख नहीं रहा है।
बूढ़ी गंडक व बागमती के तटबंध पर कई जगह भारी दबाव
उधर मुजफ्फरपुर में गंडक, बूढ़ी गंडक व बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बागमती सीतामढ़ी व दरभंगा मोतिहारी में भी खतरे के निशान से ऊपर है। बूढ़ी गंडक व बागमती के तटबंध पर कई जगह भारी दबाव बना हुआ है। एक दिन पहले दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर परिचालन बंद होने के बाद शनिवार को बाढ़ ने मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर भी ट्रेनों की राह रोक दी। सुगौली-मझौलिया के बीच पुल संख्या 248 के गार्डर को बाढ़ का पानी छूकर बह रहा है। ऐहतियातन ट्रेन परिचालन रोक दिया गया है। दूसरी तरफ दरभंगा में स्थिति खराब होने पर एयर ड्रॉपिंग कर बाढ़ पीड़ितों तक सूखे भोजन के पैकेट पहुंचाये गये।
मोतिहारी में चंपारण बांध टूटने से आसपास के गांवों में बाढ़ और विकराल
पश्चिम चंपारण में स्थिति कुछ ज्यादा ही विकट है। सिकरहना में उफान से चनपटिया में घोघा पंचायत जाने वाली सड़क 50 फीट में बह गई। इस सड़क में पुल भी साथ साथ बह गया है। वाल्मीकिनगर में एसएसबी कैंप के बाद बाढ़ का पानी हवाई अड्डा के रनवे पर भी चढ़ गया है। बेतिया-नरकटियागंज पथ व बेतिया मैनाटांड पथ पर भी पानी चढ़ने से आवागमन ठप है। लौरिया-नरकटियागंज पथ पर अशोक स्तंभ के पास बड़े डायवर्सन पर पांच फीट पानी बहने लगा है। मझौलिया के सेमरा घाट में जमींदारी बांध दो दिनों के भीतर तीन जगहों पर टूटने से स्थिति और खराब हुई है। वहीं पूर्वी चंपारण के सिकरहना में जमींदारी बांध दो जगह और टूट गई। इससे इलाके में तेजी से पानी फैल रहा है। मोतिहारी में टूटे चंपारण बांध के कारण आसपास के गांवों में बाढ़ और विकराल होती जा रही है। विश्व प्रसिद्ध केसरिया बौद्ध स्तूप परिसर भी झील में तब्दील हो गया है।
इधर, मुजफ्फरपुर में गंडक पारू,साहेबगंज व सरैया में तांडव मचा रखा है तो औराई, कटरा व गायघाट में बागमती ने स्थिति बदहाल कर दी है। बूढ़ी गंडक का पानी फैलने से मुजफ्फरपुर के निचले इलाके के दो दर्जन मोहल्लों जलमग्न हैं। बाढ़ पीड़ित एनएच पर शरण ले रहे हैं।
मिथिलांचल में भी हालात बिगड़े, हेलीकॉप्टर से गिराये गये फुड पैकेट :
वहीं मिथिलांचल में भी स्थिति नहीं संभल रही है। दरभंगा-जयनगर एनएच 527 बी पर शनिवार को बाढ़ का पानी चढ़ गया। वहीं लाधा में जमींदारी बांध टूटने से लोगों की मुसीबत और बढ़ गई है। दरभंगा में एयर ड्रॉपिंग से राहत अभियान चलाया गया। वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सूखा भोजन के पैकेट आसमां से गिराये गये। जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं केवटी प्रखंड में 1050 पैकेट ड्रॉप किये गये। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम की निगरानी में यह राहत कार्य चलाया गया। इधर, सीतामढ़ी में शिवहर, रीगा, सुरसंड, बाजपट्टी मेन रोड पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है और सड़कें बुरी तरह टूट गई हैं। वहीं झीम नदी के दबाव से सोनबरसा में सुपौना पुल ध्वस्त हो गया है।