Cyber crime: नवादा में सीएससी संचालक व बैंक का सफाई कर्मी गिरफ्तार, फिंगर प्रिंट क्लोन कर कर रहे थे ठगी
नवादा की साइबर पुलिस ने फिंगर प्रिंट क्लोन कर आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम से (एईपीएस) ठगी करने वाले गिरोह के दो अपराधियों को बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सामानों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
नवादा की साइबर पुलिस ने फिंगर प्रिंट क्लोन कर आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम से (एईपीएस) ठगी करने वाले गिरोह के दो अपराधियों को बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सामानों के साथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अपराधियों में एक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालक व दूसरा दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक (डीबीजीबी) का सफाई कर्मी शामिल हैं। साइबर पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने ठगी से जुड़े एक मामले की जांच के दौरान तकनीकी सर्विलांस व उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर गोविन्दपुर व रोह थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर इन्हें गिरफ्तार किया। घटना रविवार की रात की बतायी जाती है।
गिरफ्तार अपराधियों में गोविन्दपुर थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव के जालो महतो का बेटा दिलीप कुमार (39) व रोह थाना क्षेत्र के कुंज गांव के दुर्गेश सिंह का बेटा कुणाल कुमार (22) शामिल हैं। दिलीप कुमार गोविन्दपुर के विशुनपुर में सीएससी चलाता है। जबकि कुणाल कुमार डीबीजीबी की कुंज शाखा का सफाई कर्मी है। अपराधियों पर उपभोक्ताओं का फिंगर प्रिंट क्लोन कर उनके बैंक खातों से रुपये ठगी करने का आरोप है। नवादा के एसपी अम्बरीष राहुल के निर्देश पर गठित एसआईटी का नेतृत्व साइबर डीएसपी सह साइबर थाना इंचार्ज प्रिया ज्योति ने किया।
संगठित गिरोह द्वारा दो वर्षों से ठगी
पुलिस के मुताबिक साइबर अपराधियों के एक संगठित गिरोह द्वारा पिछले दो वर्षों से सीएससी संचालक दिलीप कुमार की मदद से उपभोक्ताओं का फिंगर प्रिंट क्लोन कर आधार नंबर लेकर उनके खातों से रुपयों की हेराफेरी की जा रही थी। संचालक द्वारा उपभोक्ताओं से एक रजिस्टर पर अंगूठा लगाकर उनका आधार नंबर ले लिया जाता था। उपभोक्ताओं के खाते से अधिक रुपये निकाल कर कम पेमेंट करने व कई बार रुपये निकालकर पेमेंट नहीं करने का भी दिलीप पर आरोप है। जबकि कुणाल द्वारा डीबीजीबी से उपभोक्ताओं का डाटा चुराकर उनका फिंगर प्रिंट क्लोन तैयार किया जाता था और गिरोह के अन्य साथियों की मदद से उपभोक्ताओं के बैंक खातों से विभिन्न मोबाइल एप के माध्यम से रुपये निकाले जा रहे थे।
डीएसपी के नेतृत्व में एसआईटी
साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी में साइबर थाने के एसआई रविरंजन मंडल, हवलदार दिनेश कुमार यादव, कांस्टेबल पिंटू कुमार, नीतेश कुमार चौधरी व चन्दना कुमारी शामिल थीं।
चौकीदार की पत्नी से धोखाधड़ी का मामला
मामला गोविन्दपुर के विशुनपुर गांव के चौकीदार स्व. सौखी पासवान की पत्नी गुलाब देवी के डीबीजीबी बैंक अकाउंट से 02 लाख 10 हजार रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। इस मामले में साइबर थाने में पीड़िता द्वारा 15 जुलाई 2023 को कांड संख्या 33/23 दर्ज कराया गया था। मामले में सीएससी संचालक दिलीप कुमार नामजद आरोपी है। महिला का आरोप है कि वह दिलीप के सीएससी से ही रुपये निकालने जाती थी। आरोप है कि उसके बैंक खाते से अपराधियों ने कई बार में 02 लाख 10 हजार रुपये निकाल लिये। तकनीकी अनुसंधान में इस बात का खुलासा हुआ कि अपराधियों द्वारा फिंगर प्रिंट क्लोन कर बैंक खाते से रुपये निकाले गये थे।
सीएसपी संचालक समेत दो जा चुके हैं जेल
इससे जुड़े मामले में पुलिस रजौली के डीबीजीबी के सीएसपी संचालक पप्पू कुमार समेत दो अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पुलिस ने 23 सितम्बर को सिरदला थाना क्षेत्र के करमा गांव के जेठू राजवंशी के बेटे पप्पू कुमार (33) व रोह थाना क्षेत्र के कुंजैला गांव के राम कुमार प्रसाद के बेटे सदाबिहारी (37) को छापेमारी कर गिरफ्तार किया था। साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति के नेतृत्व में की गयी छापेमारी में इनके पास से बड़ी संख्या में तकनीकी उपकरण व फर्जी सामान बरामद किये गये थे। इनमें लैपटॉप, पैन कार्ड, आधार कार्ड, डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस चीप कार्ड का डुप्लीकेट, फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस का प्लेन कार्ड, अर्द्धनिर्मित पैन कार्ड, विभिन्न बैंकों के पासबुक व चेकबुक, डीबीजीबी का पंजी व फार्म, फिनो पेमेंट बैक का एटीएम कार्ड, आयुष्मान भारत का फार्म, जमीन के दस्तावेज, ट्रेसिंग पेपर, राशन कार्ड की छायाप्रति, हार्ड डिस्क ड्राइव, फिंगर प्रिंट स्कैनर, आधार कार्ड स्कैनर आदि शामिल थे।
ये सामान किये गये बरामद
छापेमारी के दौरान अपराधियों के पास से 01 लैपटॉप, 03 मोबाइल, 08 आधार कार्ड, 01 चार्जर, 01 माउस, 01 प्रिंटर, 01 आई स्कैनर, 02 बॉयोमेट्रिक स्कैनर डिवाइस, 09 विभिन्न बैंकों के अलग-अलग नामों के पासबुक, 02 चेकबुक, 02 मोबाइल सिम, 15 पीस ए 4 साइज का लैमिनेशन पेपर, 05 विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, 01 एसबीआई के मिनी ब्रांच का आईकार्ड, 05 पीस दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का भरा हुआ निकासी पर्ची, 08 आधार कार्ड की फोटो कॉपी व 02 सीएससी का सर्टिफिकेट बरामद किये गये।
बैंक डाटा व अंगूठे का क्लोन तैयार कर अपराधियों द्वारा विभिन्न एप से एईपीएस द्वारा उपभोक्ताओं के बैंक खाते से अवैध रुपये निकाले जा रहे थे। अब तक इस मामले में चार अपराधी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। अन्य अपराधियों की संलिप्तता आदि बिन्दुओं पर जांच चल रही है।
- प्रिया ज्योति, डीएसपी, साइबर।
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