मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन प्रबंधक रूपेश कुमार सिंह की हत्या मामले में कहा है कि अपराधी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा। हमने पुलिस को कह दिया है कि पूरे तौर पर सख्ती से और जल्दी से जल्दी अनुसंधान हो। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। इस घटना के दोषियों को स्पीडी ट्रायल के माध्यम से जल्द-से-जल्द सजा दिलाई जाएगी।
सीएम ने कहा कि डीजीपी ने मुझे आश्वस्त किया है कि आईजी, एसएसपी से लेकर पूरी टीम दोषी को पकड़ने के लिए तेजी से काम कर रही है। अपराध के कारणों को भी जानना और समझना जरूरी होता है, जिससे असली दोषी को पकड़ा जा सके। मुख्यमंत्री शुक्रवार को आर ब्लॉक-दीघा अटल पथ के लोकार्पण के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
पुलिस मुस्तैदी से कर रही काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों की तुलना अपराध के साथ ना करें। अपराध पर जितनी कार्रवाई हो रही है, उसे भूलें नहीं। यह दुखद बात है कि किसी की हत्या हो जाती है। हत्या का कोई न कोई कारण होता है। पुलिस उसकी जांच करती है और सही अपराधी को पकड़ती है। अभी जो घटना घटी है, उस पर सही तरीके से जांच की जा रही है। इस पर हमने खुद डीजीपी से बात की है। ये लोग स्पेशल टीम बनाकर कार्य कर रहे हैं। अगर किसी को भी इस संबंध में सूचना मिलती है तो पुलिस को इसकी जानकारी जरूर दें। साथ ही किसी अन्य घटना अथवा किसी हत्या के संबंध में कोई जानकारी मिलती है तो इसकी जानकारी पुलिस को दें। पुलिस मुस्तैदी से काम कर रही है। जो पुलिस वाले अपनी जिम्मेदारी को ठीक ढंग से नहीं निभाते हैं, उन पर भी कार्रवाई होती है।
सीएम के निर्देश के बाद जारी हुआ नंबर
उन्होंने कहा कि इसका भी पता कीजिए कि अपराध कौन करता है? अपराध करने वाले कौन हैं? पुलिस को पता चलता है, तो अपराध करने वाले पर सख्त कार्रवाई होती है। पत्रकारों से कहा कि अपराध-जांच के मामले में कोई सूचना हो तो पुलिस को बताएं। सीधे डीजीपी से बात करें। मुख्यमंत्री ने खुद डीजीपी को फोन किया और उन्हें कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाएं कि कोई पत्रकार चाहे तो फोन पर बात करें। फोन पर एक आदमी रखें, जो हर फोन को रिसीव करे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय से टेलीफोन और मोबाइल नंबर भी जारी किया गया।
पूछा- वर्ष 2005 के पहले क्या स्थिति थी?
नीतीश कुमार ने सवालिया लहजे में कहा कि वर्ष 2005 के पहले क्या स्थिति थी? कितनी हिंसा होती थी? अपराध की कितनी घटनाएं होती थीं? 15 साल के पति-पत्नी के राज में अपराध की जितनी घटनाएं होती थीं, वो किसी से छुपी नहीं है। अब जहां कहीं कुछ भी गड़बड़ी होती है तो एक-एक चीज पर एक्शन होता है। हर वर्ष पूरे देश के राज्यों के अपराध के आंकड़े प्रकाशित होते हैं। बिहार अपराध के मामले में अब 23 वें स्थान पर है।