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कोरोना से जंग: जिनसे स्वस्थ्य हो रहे कोरोना संक्रमित मरीज, वे आम दवाओं से भी सस्ती

कोरोना का इलाज अब तक नहीं खोजा गया है, लेकिन जिन गोलियों से इसे मात दी जा रही है वह काफी सस्ती हैं। कोरोना जैसे खतरनाक संक्रमण के इलाज में उपयोग होने वाली दवाइयों का कुल खर्च डायबिटीज, हार्ट, किडनी...

कोरोना से जंग: जिनसे स्वस्थ्य हो रहे कोरोना संक्रमित मरीज, वे आम दवाओं से भी सस्ती
Malayपटना। मनीष मिश्राTue, 26 May 2020 10:24 AM
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कोरोना का इलाज अब तक नहीं खोजा गया है, लेकिन जिन गोलियों से इसे मात दी जा रही है वह काफी सस्ती हैं। कोरोना जैसे खतरनाक संक्रमण के इलाज में उपयोग होने वाली दवाइयों का कुल खर्च डायबिटीज, हार्ट, किडनी और लिवर के संक्रमण जैसी बीमारियों की दवाइयों से काफी कम है। हालांकि सरकारी और सरकार द्वारा लिए गए अस्पतालों में इसका मुफ्त इलाज है, लेकिन बात दवाओं के दाम की करें तो पांच सौ रुपए से भी कम कीमत की दवा में मरीज स्वस्थ होकर घर लौट जा रहे हैं। यह बात तब सामने आई जब पटना के आइसोलशन वार्ड में तैनात डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ से बात की गई। 

डॉक्टरों का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर जैसे संस्थानों के निर्देशों और मरीजों की वास्तविक स्थितियों के आधार पर दवाएं दी जाती हैं। इससे कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो रहे हैं। जिनमें लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, ऐसे संक्रमित मरीज तो और कम दवाओं में ठीक हो जा रहे हैं। पटना में आने वाले अधिकतर संक्रमितों को ऑक्सीजन तक की जरूरत नहीं पड़ी है। सौ से अधिक संक्रमित पटना में इलाज के लिए आए हैं, लेकिन 90 प्रतिशत लोगों को ऑक्सीजन नहीं देनी पड़ी है। 

11 प्रवासियों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव
पटना में 11 और प्रवासियों की रिपोर्ट सोमवार को पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया। यह अलग अलग प्रदेशों के हॉट स्पॉट शहरों से हाल ही में पटना आए थे। एक संक्रमित  खाजेकला का रहना वाला है, वो हाल ही में श्रमिक ट्रेन पकड़कर सूरत से पटना आया था। एक व्यक्ति राजा बाजार के समनपुरा का है, वह भी हाल ही में मुम्बई से वापस लौटा है। इसके अलावा मोकामा में अलग अलग शहरों से आए चार लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। बिक्रम में भी चार संदिग्ध प्रवासियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जबकि दुल्हिन बाजार में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिला है।

ऐसे हो रहा है कोरोना का इलाज 
डॉक्टरों का कहना है कि जांच में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मरीज जब आइसोलेशन वार्ड में आता है तो पहले उसके लक्षण देखे जाते हैं। निगरानी के साथ उसे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट दी जाती है। मलेरिया की यह दवा बाजार में 2 से 10 रुपए में मिल जाती है। इसे दिन में दो बार दिया जाता है। इसके साथ एंटीबायोटिक के रूप में एथ्रोमाइसिन दी जाती है। यह दवा सामान्य रूप से सर्दी, खांसी, सीने व गले के इंफेक्शन में दी जाती है। इस दवा की एक गोली 10 रुपए में मिल जाती है। इसके साथ ही मरीजों को इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए विटामिन सी की गोलियां दी जा रही हैं, इसकी कीमत भी एक से लेकर पांच रुपए के बीच है।

कोरोना का कोई इलाज अब तक नहीं मिल सका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर द्वारा बताई दवाएं ही मरीजों को दी जाती हैं। यह दवाएं भी काफी सामान्य हैं। इसमें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट, एजिथ्रोमाइसिन तथा विटामिन सी व आयरन, कैल्शियम की गोलियां हैं। ऑक्सीजन की जरूरत भी कम ही मरीजों को पड़ रही है।
-डॉ विभा कुमारी सिंह, एसीएमओ

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