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पटना के शरणम अस्पताल से जुड़े 3 लोगों के कोरोना पॉजिटिव, अब आस-पास फैला भय का माहौल

राजधानी पटना के शरणम अस्पताल से जुड़े तीन लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से आसपास के लोगों में भय का माहौल है। विजयनगर न्यू बाईपास में स्थित इस अस्पताल के मरीजों ने भी कोरोना के भय से दूसरे...

पटना के शरणम अस्पताल से जुड़े 3 लोगों के कोरोना पॉजिटिव, अब आस-पास फैला भय का माहौल
पटना। वरीय संवाददाताSat, 28 Mar 2020 11:25 AM
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राजधानी पटना के शरणम अस्पताल से जुड़े तीन लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से आसपास के लोगों में भय का माहौल है। विजयनगर न्यू बाईपास में स्थित इस अस्पताल के मरीजों ने भी कोरोना के भय से दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट हो गए हैं। 

इस अस्पताल से एकदम सटे दो और अस्पताल के सभी मरीज कोरोना के भय से निकल गए हैं। गंभीरावस्था में होने के बावजूद उनके परिजन उन्हें दूसरे अस्पतालों में ले गए हैं। नालंदा के मो. रियाजुल के पिता शरणम के बगल में स्थित अस्पताल में भर्ती थे। जब उनको शरणम अस्पताल के कोरोना के कारण सील किए जाने की जानकारी मिली तो अपने पिता को वे दूसरे अस्पताल में ले गए हैं। इस अस्पताल में भर्ती एक अन्य मरीज को कोराना जांच के लिए एनएमसीएच ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि वह मरीज भी सैफ के इलाज से जुड़े वॉर्ड बॉय से संपर्क में रहा था।  

मोहल्लों में अस्पताल को लेकर चर्चा का बाजार गर्म
अस्पताल से कुछ ही दूरी पर सीमेंट बालू का दुकान चलानेवाले विजयनगर के बबलू राय ने बताया कि जबसे इस अस्पताल के मरीज और वॉर्ड बॉय को कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली है, हमलोगों की नींद उड़ गई है। उसके कई स्टाफ मोहल्ले में ही किराया पर कमरा लेकर रहते हैं। उनमें से तीन-चार आज जांच के लिए भी गए हैं। अगर वे लोग पॉजिटिव पाए जाते हैं तो समझिए कि विजयनगर का पूरा इलाका कोरोना की चपेट में आ सकता है। वहीं संजयगांधीनगर के निवासी रामाधार शर्मा ने कहा कि शरणम अस्पताल की यहां से दूरी मात्र एक किलोमीटर की है। कई बार उसके स्टाफ इस मोहल्ले की दुकान में भी सामान लेने आते होंगे। उनसे कितने लोगों को संक्रमण फैला यह कोई नहीं जानता है। अस्पताल के सामने खाने-पीने की दुकान चलानेवाल अपनी दुकान बंद कर कई दिनों से गायब है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि शरणम में भर्ती सैफ के परिजन यहीं पर खाना खाते थे। दुकानदार उनके साथ कई अन्य मरीजों के परिजनों को भी खाना खिलाता था। अब जब सैफके एक करीबी कोरोना संक्रमित है तब कई लोग हो सकते हैं जो उनके संपर्क में आए हैं। अब वे लोग कहां गए, पता लग पाना भी मुश्किल है।  

डब्ल्यूएचओ की टीम ने भी अस्पताल का लिया जाएजा
विश्व स्वास्थ्स संगठन की बिहार इकाई द्वारा भी शरणम और आसपास के अस्पतालों पर निगरानी रखी जा रही है। शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ की तीन सदस्यीय टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया। पहले से बैरियर लगाकर सील हो चुके अस्पताल कोजांच करने में इन सदस्यों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। एक कर्मी को छोड़ अस्पताल के सभी स्टाफ कोरोना जांच के लिए एनएमसीएच गए थे। अस्पताल में जो कर्मी था, वह अस्पताल का मुख्य दरवाजा बंद कर ऊपरी मंजिल पर चला गया था। डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने काफी देर तक उससे गेट खोलने का आग्रह किया लेकिन कर्मी गेट नहीं खोल रहा था। काफी देर बाद उसने गेट खोला तब जाकर अस्पताल का निरीक्षण हुआ। सदस्यो ंने बताया कि वे इस अस्पताल में आइसोलेशन में रखे गए लोगों कोदेखने और सूची बनाने आए थे। अभी तक यहां से जुड़ 17 लोगों को संदिग्धों में शामिल किया गया गया है। उनपर कड़ी निगाह रखी जा रही है। 

न्यू बाईपास स्थित शरणम अस्पताल के कर्मियों-डॉक्टरों के संपर्क में आए 35 लोगों का सैंपल जांच के लिए लिया गया। सिविल सर्जन  के निर्देश पर  एनएमसीएच में इनका सैंपल लिया गया। सभी सैंपल को जांच के लिए आरएमआरआई भेजा गया है। जिनका सैंपल लिया गया उनमें अस्पताल का  संचालक, डॉक्टर, कर्मियों के परिवार के सदस्य व कुछ अन्य मरीज शामिल हैं।  कोरोना  की फैक्ट्री  के रूप में  कुख्यात हुए  इस  अस्पताल से जुड़े तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव मिली है। एम्स में भर्ती होने से से पहले मुंगेर का सैफ सैफ अली यहीं भर्ती रहा था। दो दिनों तक भर्ती रहने के बाद गंभीरावस्था में उसे एम्स रेफर किया गया था। उसकी मौत के बाद पता चलाकि वह कोरोना पॉजिटिव था। 

इसके बाद से उसकी जांच से जुड़े शरणम अस्पताल के संचालकों, कर्मियों और डॉक्टरों में संक्रमण का भय सताने लगा। सिविल सर्जन ने पहले चरण में उसके सीधे संपर्क में आए 27 लोगों को चिन्हित किया। उनमें से 13 की जांच गुरुवार को हुई थी। उसमें अस्पताल के एक वॉर्ड बॉय को कोरोना पॉजिटिव निकला। उसके बाद रात में ही जिला प्रशासन और सिविल सर्जन द्वारा अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की गई। अस्पताल के संचालकों में से एक संजीत राय ने बताया कि हमलोगों ने स्वयं सिविल सर्जन से संपर्क कर अपनी जांच कराने की मांग की थी। अस्पताल में भर्ती सैफ कोरोना पीड़ित था, इसकी जानकारी अस्पताल संचालकों को भी नहीं थी। सैफ के परिजनों ने उसके कतर से लौटने की जानकारी छिपाई थी।  

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