ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहारCorona third wave: पटना के 100 अस्पताल बच्चों के इलाज के लिए किए जाएंगे तैयार, ऑक्सीजन प्लांट भी लगेंगे

Corona third wave: पटना के 100 अस्पताल बच्चों के इलाज के लिए किए जाएंगे तैयार, ऑक्सीजन प्लांट भी लगेंगे

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पटना शहर और आसपास के इलाके के 100 अस्पतालों में बच्चों के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। इसमें 12 सरकारी तथा 90...

Corona third wave: पटना के 100 अस्पताल बच्चों के इलाज के लिए किए जाएंगे तैयार, ऑक्सीजन प्लांट भी लगेंगे
पटना, हिन्दुस्तान टीमMon, 24 May 2021 08:54 AM
ऐप पर पढ़ें

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पटना शहर और आसपास के इलाके के 100 अस्पतालों में बच्चों के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। इसमें 12 सरकारी तथा 90 प्राइवेट अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों का आकलन किया जा रहा है।

अधिकारियों का कहना है कि पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस, पटना एम्स, गुरु र्गोंवर्द ंसह अस्पताल पटना सिटी, दानापुर अनुमंडल अस्पताल, मसौढ़ी, विक्रम, पालीगंज, बाढ़ के अनुमंडलीय अस्पताल में क्या-क्या संसाधन उपलब्ध हैं, इसका आकलन किया जा रहा है। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा सूचीबद्ध 90 प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों का भी आकलन किया जा रहा है।

हालांकि इसमें से कई ऐसे अस्पताल हैं, जहां बच्चों के लिए नीकू या पीकू की व्यवस्था नहीं है। ऐसी स्थिति में इन अस्पतालों में बच्चों के लिए ऑक्सीजनयुक्त बेड तो उपलब्ध रहेगा, लेकिन गंभीर बच्चों के उपचार की सुविधा नहीं होगी। जहां प्राइवेट अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन नहीं होगा उसे सूची से हटाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि अगले एक पखवारे के अंदर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध संसाधन का आकलन कर लिया जाएगा। जहां पर सुविधा नहीं होगी, वहां व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा प्रत्येक अनुमंडल अस्पताल में कम से कम 5 ऑक्सीजनयुक्त बेड होगा। 

कुछ अनुमंडल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट भी लगेंगे
कुछ अनुमंडल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित करने की तैयारी चल रही है ताकि बच्चों के उपचार के समय ऑक्सीजन की किल्लत न हो। जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि अस्पतालों में नीकू ऑक्सीजनयुक्त बेड की संख्या सी पाइप मशीन, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन पाइप लाइन आदि की व्यवस्था देख लें तथा 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों की संख्या को देखते हुए अस्पतालों में संसाधन का आकलन कर रिपोर्ट दें। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें