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कोचिंग माफिया के चक्कर में 50 हजार छात्रों की पढ़ाई बाधित, जानिए क्या है पूरा मामला

पटना जिले में कोचिंग माफियाओं के चक्कर में लगभग 50 हजार छात्र-छात्राओं की पढाई बाधित है। इनमें से कई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले हैं तो कई प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले। बिना मानक के...

कोचिंग माफिया के चक्कर में 50 हजार छात्रों की पढ़ाई बाधित, जानिए क्या है पूरा मामला
वरीय संवाददाता,पटना Thu, 13 Jun 2019 12:59 PM
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पटना जिले में कोचिंग माफियाओं के चक्कर में लगभग 50 हजार छात्र-छात्राओं की पढाई बाधित है। इनमें से कई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले हैं तो कई प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले। बिना मानक के चल रहे कोचिंग संस्थानों ने इनसे फीस भी वसूल ली है। 

दरअसल, पिछले एक सप्ताह के अंदर कोचिंग संस्थानों पर हुई प्रशासनिक कार्रवाई के बाद 46 संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया गया है। इन कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों की क्लास फिलहाल स्थगित कर दी गई है। संस्थान के संचालकों का कहना है कि जब तक प्रशासन की ओर से कोचिंग को सुरक्षा मानक के अनुरूप एनओसी नहीं दिया जाता है तथा पंजीकरण नहीं हो जाता है, क्लास स्थगित रहेगी। सबसे अधिक मसौढ़ी अनुमंडल में 25 कोचिंग संस्थानों को बंद करा दिया गया है। मसौढ़ी अनुमंडल में 25, पटना सिटी में 12 और पटना सदर में नौ, पटना सिटी अनुमंडल में 12 कोचिंग संस्थानों को जांच के बाद बंद करने का आदेश दिया गया है। हालांकि दानापुर और पालीगंज अनुमंडल में कोचिंग संस्थानों को मौका दिया गया है कि वे कमी को सुधार लें। 

जांच अधिकारियों का कहना है कि जिन कोचिंग संस्थानों को बंद करने को कहा गया है, उनमें क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं की पढ़ाई करना, भवन में सीमेंट की छत की बजाय एसबेस्टस, इमरजेंसी दरवाजे का नहीं होना, घनी आबादी तथा आसपास ज्वनशील पदार्थों का कारोबार, पंजीकरण नहीं होना आदि शामिल हैं।  

अधिकारियों का कहना है कि यदि कोचिंग संस्थानों में स्थायी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है तो ऐसे कोचिंग संस्थानों को संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इधर कोचिंग संस्थानों के संचालकों का कहना है कि पंजीकरण के लिए आवेदन दिया गया है। सुरक्षा मानक के बारे में प्रशासन द्वारा जो निर्देश दिया गया है, उसे पूरा करा रहे हैं। एक सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा, तब तक छात्रों की क्लास स्थगित कर दी गई है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि बच्चों की एक समय सीमा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। प्रशासनिक कार्रवाई के बाद अब उसमें देर हो जाएगी। 

क्लास में क्षमता से अधिक पढ़ते हैं बच्चे
पटना सिटी के एसडीओ का कहना है कि जांच में पाया गया कि क्षमता से दोगुना से भी अधिक छात्र-छात्राओं को क्लास में बैठाकर पढ़ाई जा रही है। ऐसे में किसी प्रकार की अप्रिय घटना होने पर बड़ा हादसा हो सकता है। कमरे की भी डिजाइन मानक के अनुरूप नहीं। पटना सिटी अनुमंडल के बहादुरपुर में तो जांच करने वाले मजिस्ट्रेट भी तब दंग रह गए जब उन्होंने तीन ऐसे कोचिंग संस्थानों को देखा, जहां सुरक्षा मानक के अनुसार न भवन था न ही किसी प्रकार के हादसे होने पर बचाव के उपाय करने के उपकरण। इसीलिए इन संस्थानों को स्थायी तौर पर बंद करने को कहा गया है। 

कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था जरूरी है। इसीलिए उनकी जांच कराई जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था के मामले में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है। सभी कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि जो मानक बताए गए हैं उनका अनुपालन करें। पंजीकरण कराएं। उसके बाद ही कोचिंग संचालित करें। 
- कुमार रवि, डीएम, पटना।

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