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Chhath Puja: उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी ने रखा व्रत, छठी मैया से मांगी ये मन्नत

आजीवन कारावास की सजा काट रहे 47 वर्षीय बंदी धनंजय शर्मा पिछले आठ साल से कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। वह पहली बार कैद से मुक्ति के लिए छठव्रत कर रहे हैं।

Chhath Puja: उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी ने रखा व्रत, छठी मैया से मांगी ये मन्नत
Malay Ojhaहिन्दुस्तान,गयाSun, 19 Nov 2023 02:43 PM
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छठ मैया की महिमा को देख गया केन्द्रीय कारा के बंदी भी कैद से मुक्ति के लिए छठव्रत कर रहे है। आजीवन कारावास की सजा काट रहे 47 वर्षीय बंदी धनंजय शर्मा पिछले आठ साल से कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। वह पहली बार कैद से मुक्ति के लिए छठव्रत कर रहे है। कारा उपाधीक्षक सतीश कुमार सिंह ने बताया कि धनंजय शर्मा के साथ उनके तीन और भाई भी है जो कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है। चार भाईयों में सबसे छोटा है धनंजय शर्मा उन्होने बताया कि बंदी धनंजय शर्मा फरवरी 2016 को कारा में प्रवेश पाया था। उसके साथ उनके अन्य भाई जयराम शर्मा, श्रीराम शर्मा व राजकिशोर शर्मा है। इन भाईयों में यह सबसे छोटे है जो पहली बार छठव्रत कर रहे है।

छठमय हुआ कारा का माहौल, दिख रहा उत्साह
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को नहाय खाय के साथ ही कारा में छठमय माहौल हो गया है। कारा के अंदर रहे कुंड की सफाई कारा के बंदी कर रहे है। इसके अलावा महिला वार्ड में महिलाएं पूरी पवित्रता के साथ नहाय खाय का प्रसाद बनायी। वहीं से जो दो पुरूष छठव्रत कर रहे है। उन्हे भी प्रसाद भेजाया गया। इस तरह सभी बंदी मिलकर छठपर्व मना रहे है।

107 बंदी को दिया गया वस्त्र
कारा उपाधीक्षक ने बताया कि इनके अलावा सात महिला बंदी भी छठव्रत कर रही है। जो भी महिला व पुरूष बंदी यहां छठव्रत कर रहे है। कारा अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा के निर्देश पर उन्हें नया वस्त्रत्त् दिया गया है। शनिवार को छठव्रत करने वाले सात महिला व दो पुरूष सहित 107 बंदी को नया वस्त्रत्त् दिया गया है। जिसमें 105 महिला बंदी शामिल है। इसके अलावे पांच बच्चे व पांच बच्ची जो महिला बंदी के साथ रहते है उन्हे भी नये वस्त्रत्त् दिये गये हैं। महिलाओं को साड़ी व पुरूष को धोती, गमछा व गंजी दिया गया है। इसके अलावा छठव्रतियों को प्रसाद के लिए फल व सूप दउरा भी उपलब्ध कराया गया। 

उपाधीक्षक ने बताया कि बंदी आठ माह के लिए भागलपुर कारा में शिफ्ट किया गया था। वहीं से उसे छठव्रत करने की प्रेरणा मिली और इस बार पहली बार छठव्रत कर रहा है। वहीं दुसरा बंदी मन्ना सिंह है तो भागलपुर कारा से यहां आया है। वह भी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

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