Chhath Puja 2023: पटना के छठ घाटों की मरम्मत तेज, अधिकारियों ने किया निरीक्षण, डेंजर जोन में शहर के 4 घाट
छठ पर्व के मद्देनजर पटना के घाटों की मरम्मत का काम जारी है। अधिकारियों ने 28 घाटों का जायजा लिया। और जरूरी सुधार के आदेश दिए। वहीं शहर के 4 घाटल डेंजर जोन में है। जिनपर लाल कपड़ा लगाया गया है।

राजधानी पटना के गंगा के 28 घाटों पर छठ की उत्तम व्यवस्था कर दी गई है। शेष अन्य घाटों पर काम तेजी से चल रहा है। शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि ने अधिकारियों के साथ इन 28 घाटों का जायजा लिया। जिन घाटों पर व्यवस्था में सुधार की जरूरत थी। उन्होंने मौके पर ही नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया।
जिन घाटों का शनिवार को अधिकारियों ने निरीक्षण किया उसमें वंशी घाट, काली घाट, पटना कॉलेज घाट, कृष्णा घाट, गांधी घाट, बहरवा घाट, पटना लॉ कॉलेज घाट, रानी घाट, बीएन राय घाट, गुलबी घाट, बालू घाट, घघा घाट, रौशन घाट, चौधरी टोला घाट, पथरी घाट, कदम घाट, घसियारी घाट, नरकट घाट, लौहरबा घाट, हनुमान घाट, गोसाई घाट, राजा घाट, करनालगंज-जुडिशियल एकेडमी घाट, गायघाट शामिल है। उन्होंने घाटों की वर्तमान स्थिति, तैयारी तथा प्रबंधन का अवलोकन किया।
गंगा घाट पर जाने के लिए जो संपर्क पथ बनाए गए हैं उसमें कई ऐसे हैं जिसमें जहां तहां अभी भी अतिक्रमण है। आयुक्त ने कहा कि किसी भी स्थिति में संपर्क पथों पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। सेक्टर प्रभारी यह देख लें कि कहां कहां संपर्क पथों पर अवरोध है उसे जिला नियंत्रण कक्ष से समन्वय स्थापित कर हटवाएं पूजा समितियों से भी बातचीत करें। उनसे समन्वय बनाएं ताकि घाटों की व्यवस्था में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। उन्होंने डीएम और एसएसपी से कहा कि सभी एसडीएम को निर्देश दें कि अपने अपने क्षेत्र में निरीक्षण कर संपर्क पथों की स्थिति की जानकारी ले लें।
आयुक्त ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि रानघाट, घघा घाट और रौशन घाट पर विशेष ध्यान देने को कहा है। ये घाट मानक के अनुसार तैयार किए जाएं। सीढ़ियों को सा़फ करने, दलदल तथा सिल्ट हटाने को कहा। इन घाटों पर संवेदकों का काम काफी धीरे है। उन्होंने कहा कि संवेदकों एवं एजेंसियों द्वारा कार्य में तेजी नहीं लाया जाता है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। संवेदकों के भुगतान में भी कटौती होगी। दोषी अभियंताओं एवं अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी।
जिला प्रशासन ने गंगा नदी के जिन चार घाटों को खतरनाक घोषित किया है वहां छठ होने की संभावना नहीं है। चारों घाट पर पांच फीट से अधिक गहराई है। सभी घाट किनारा खड़ा ढाल वाला है। इसीलिए यहां व्रतियों को परेशानी हो सकती है। प्रशासन की ओर से सभी खतरनाक घाटों पर लाल कपड़ा लगाया जाएगा तथा खतरनाक होने का साइनेज भी रहेगा। प्रत्येक खतरनाक घाट पर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी रहेंगे। कोई भी व्यक्ति खतरनाक घाट की ओर नहीं जा सके, इसीलिए बैरिकेडिंग की जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि घाट के पांच फीट की दूरी तक ऐसे घाटों पर उतरने की व्यवस्था नहीं है। यदि यहां कोई जाता है तो स्नान नहीं कर सकता है। क्योंकि सभी घाट खड़े हैं तथा घाट के नजदीक में ही अधिक पानी है। इन घाटों पर जाने के रास्ते भी सही नहीं है, इसीलिए लोगों को यहां जाने से मना किया जाएगा। जो घाट अब तक खतरनाक घोषित किए गए हैं उसमें मिनार घाट, एलसीटी घाट, राजापुर पुल घाट तथा पहलवान घाट शामिल है।
