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Hindi News बिहारफर्जी हस्ताक्षर कर चेक से की छेड़छाड़, बैंककर्मी की लापरवाही से ठगे 1.68 लाख रुपये

फर्जी हस्ताक्षर कर चेक से की छेड़छाड़, बैंककर्मी की लापरवाही से ठगे 1.68 लाख रुपये

बिहार के गया में चेक के साथ छेड़छाड़ करके ठगों ने 1.68 लाख रुपये लूट लिए। ठगों ने चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर रकम को अधिक भरकर आसानी से अधिक रुपये निकाल लिए। इसमें बैंककर्मी की लापरवाही सामने आ रही है।

फर्जी हस्ताक्षर कर चेक से की छेड़छाड़, बैंककर्मी की लापरवाही से ठगे 1.68 लाख रुपये
Ratan Guptaहिन्दुस्तान,गयाSat, 27 Jul 2024 06:08 PM
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अगर आप बैंक में चेक क्लीयरेंस के लिए डाल रहे हैं तो सावधान हो जाइए। बैंक से कहीं आपके चेक गायब न हो जाए और कहीं साइबर अपराधियों के शिकार न बन जाएं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि गया में साइबर ठगी का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। इसके बाद बैंक कर्मियों की भूमिका पर सवाल उठना स्वभाविक है। गया के भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा से फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी एकाउंट पर 1 लाख 68 हजार रुपये ट्रांसफर लिए गए, जबकि जिस चेक से रुपये निकाले गए। वह चेक स्वराजपुरी रोड स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में जमा किए गए थे, लेकिन इंडिया ओवरसीज बैंक के कर्मी से साइबर ठगों ने चेक हासिल कर लिया और फिर एसबीआई बैंक से रकम बढ़ाकर ट्रांसफर कर लिया।

दरअसल चाकंद थाना क्षेत्र के गन्नू बिगहा के अब्दुल कयूम आजाद ने आजाद मीडिया कंसल्टेंसी नाम से जारी 68 हजार का चेक दिनेश सीमेंट स्टोर को दिया। दिनेश कुमार सिंह ने इस चेक को इंडियन ओवरसीज बैंक में अपने खाते पर जमा कर दिया, लेकिन दो दिन बाद एक अनजान व्यक्ति ओवरसीज बैंक आता है और बैंक कर्मी से दिनेश सीमेंट स्टोर के नाम से जमा चेक लेकर चला जाता है। फिर चेक में छेड़छाड़ करके 68 हजार की जगह 1 लाख 68 हजार कर दिया और आसानी से स्टेट बैंक की शाखा से रुपये ट्रांसफर कर लिया। पीड़ित अब्दुल कयूम आजाद ने बताया कि 23 जुलाई को मेरे मोबाइल नबंर पर एक मैसेज आया जिससे जानकारी हुई कि मेरे एसबीआई बैंक के खाते से एक लाख 68 हजार की निकासी हो गई है। मैंने इतने रुपये का कोई चेक जारी नहीं किया था।

जब एसबीआई शाखा से जानकारी ली तो पता चला कि किसी अंकित सेठी के यूनियन बैंक के खाता एनएफटीई के माध्यम से रुपये ट्रांसफर हुए हैं। छानबीन की तो मालूम चला कि जो चेक मैंने दिनेश सीमेंट स्टोर को दिया था। उसी चेक से ट्रांसफर किए गए। चेक में अलग से 68000 के पहले एक अंक जोड़ा गया। साथ ही शब्दों में भी छेड़छाड़ कर राशि बढ़ा दी गई। एनईएफटी वाली स्लिप में जो मेरा हस्ताक्षर किया गया है। वह हस्ताक्षर मेरा नहीं है। पीड़ित ने इसकी सिविल लाइन थाने में शिकायत की है। थानाध्यक्ष शमीम अहमद ने बताया कि छानबीन की जा रही है।