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कसा शिकंजा: सृजन घोटाले में सीबीआई ने दर्ज की 9 और एफआईआर

भागलपुर और बांका से जुड़े चर्चित सृजन घोटाले में सीबीआई ने 9 और प्राथमिकी दर्ज की है। नई दिल्ली स्थित सीबीआई थाने में दो और पटना स्थित सीबीआई थाने में सात प्राथमिकी नए सिरे से दर्ज की गई है। ये...

कसा शिकंजा: सृजन घोटाले में सीबीआई ने दर्ज की 9 और एफआईआर
पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोThu, 16 Aug 2018 10:06 PM
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भागलपुर और बांका से जुड़े चर्चित सृजन घोटाले में सीबीआई ने 9 और प्राथमिकी दर्ज की है। नई दिल्ली स्थित सीबीआई थाने में दो और पटना स्थित सीबीआई थाने में सात प्राथमिकी नए सिरे से दर्ज की गई है। ये प्राथमिकी बिहार पुलिस द्वारा दर्ज मामले को आधार बनाकर की गई है। सीबीआई ने बांका की तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी जयश्री ठाकुर के अलावा भागलपुर के आरपी रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा और पटेल बाबू रोड स्थित इंडियन बैंक के वर्तमान और तत्कालीन कई अधिकारियों-कर्मचारियों को आरोपी बनाया है।

सीबीआई की नई दिल्ली शाखा सृजन में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच 2017 से कर रही है। इस मामले में पहली प्राथमिकी 7 अगस्त 2017 को भागलपुर में दर्ज की गई थी। सरकारी पैसों की हेरफेरी से जुड़े सैकड़ों करोड़ के इस घोटाले के प्रकाश में आने के बाद राज्य सरकार ने 18 अगस्त 2017 को सीबीआई जांच की अनुशंसा की। इसके कुछ दिनों बाद सीबीआई ने दिल्ली स्थित अपनी शाखा को जांच सौंप दी थी। इस मामले में सीबीआई द्वारा शुरू में 10 प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरू की गई थी। बाद में इसी साल जून में सीबीआई ने चार और प्राथमिकी दर्ज की। सृजन घोटाले की जांच के सिलसिले में सीबीआई ने तीसरी बार प्राथमिकी दर्ज की है। इस तरह इस केस में कुल 23 केस दर्ज हो गए।

बांका कांड संख्या 539/17 और भागलपुर कोतवाली कांड संख्या 753/17 की एफआईआर दिल्ली स्थित थाना में दर्ज की गई है। बांका के मामले में जयश्री ठाकुर के साथ ही जिला भू अर्जन कार्यालय के तत्कालीन नाजीर और भागलपुर सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक, बांका के तब के ब्रांच मैनेजर को भी आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा पटना के सीबीआई थाना में सात प्राथमिकी दर्ज की गई है। ये सभी कांड भागलपुर के कोतवाली थाने से जुड़े हैं। कांड संख्या 650/17, 653/17, 654/17, 658/17, 660/17, 662/17 और 676/17 दर्ज की गई थी। बिहार पुलिस की इन एफआईआर की जांच अपने जिम्मे लेते हुए सीबीआई ने नई प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें दो बैंकों के अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा स्वयंसेवी संस्था सृजन महिला विकास सहयोग समिति के पदधारकों के साथ अन्य अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।

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