पूर्णिया में बने कैंसर अस्पताल, नरेंद्र मोदी सरकार से सीमांचल के लिए पप्पू यादव की डिमांड लिस्ट में और क्या?
पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया जिले में कैंसर अस्पताल, बर्न अस्पताल, कोसी जिला मुख्यालय, सहरसा में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और कोसी कमिश्नरी जिला मुख्यालय सहरसा में ट्रामा सेंटर बने।
पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने देश के स्वास्थ्य बजट पर चर्चा करते हुए कोसी सीमांचल में एम्स और पूर्णिया में कैंसर अस्पताल की स्थापना की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत में कॉमन हेल्थ आम आदमी का एक मौलिक अधिकार है। लेकिन इससे पूर्णिया, कोसी और सीमांचल के करोड़ों लोग महरूम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्राइवेट में महंगा इलाज करना आम आदमी की क्षमता से बाहर है। उन्हें सरकारी स्तर पर इलाज की सभी प्रकार की सुविधा मिलना चाहिए।
सदन में अपनी बात रखते हुए पप्पू यादव ने कहा कि हम केंद्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि पूर्णिया जिले में कैंसर अस्पताल, सीमांचल मुख्यालय, पूर्णिया में बर्न अस्पताल, कोसी जिला मुख्यालय, सहरसा में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और कोसी कमिश्नरी जिला मुख्यालय सहरसा में ट्रामा सेंटर बने। सांसद ने हेल्थ को मौलिक अधिकार बताते हुए दवाओं व अन्य मेडिकल सुविधाओं पर जी.एस.टी. लेने को अनुचित बताया।
सदन में उन्होंने शून्य काल के दौरान कहा कि दुनिया में हमारा देश फार्मास्यूटिकल्स के लिए जाना जाता है, लेकिन जब हम फार्मासिस्ट्स की बात करते हैं तो आप किसी भी दवा की दुकान पर देखेंगे तो वहां जेनरिक दवाएं और आयुर्वेदिक दवाएं न के बराबर होती हैं। उसे कोई डॉक्टर नहीं लिखता है। डॉक्टर उसी दवा की पर्ची लिखेंगे, जो उन्हें कमीशन देते हैं। बगैर कमीशन के डॉक्टर दवा को लिख ही नहीं सकता। दवाई के लिए एम. आर. हैं।
उन्होंने प्राइवेट डॉक्टर्स की चर्चा करते हुए कहा कि वे पेशेंट्स को एक महीने में तीन बार बुलाते हैं और मिडिल क्लास को वहां जाना पड़ता है। वे एक हजार रुपये से कम नहीं लेते हैं। एक फिजिशियन डॉक्टर 500 रुपये से कम नहीं लेते हैं। इसे कौन तय करेगा?
एक मिडिल क्लास को अल्ट्रासाउण्ड, सी.टी. स्कैन, एम.आर.आई., एक्स-रे आदि की जांच में 3800 रुपये, 4,000 रुपये या 12,000 रुपये लग जाते हैं। आप किसी भी जांच केन्द्र को देख लीजिए। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के रूल्स क्या कहते हैं, इसे आप देखिए। पैथोलॉजी सेंटर जाँच गलत देता है और डॉक्टर्स दवाई बेचने के लिए यह करते हैं। इसके लिए रेग्युलेटरी बॉडी क्यों नहीं है? एमपी की उस पर कोई निगरानी क्यों नहीं है? मेरा आग्रह है कि कम से फीस तय हो, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई की फीस तय हो।पप्पू यादव ने शिक्षा पर अपनी बात रखते हुए पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के रुपौली और कोढ़ा में डिग्री कॉलेज की स्थापना की मांग सरकार से की