मुजफ्फरपुर में कैंसर अस्पताल दो वर्ष में तैयार हो जाएगा, बिहार के मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा मुंबई
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने जमीन का निरीक्षण किया और नक्शा देखा। वर्ष 2024 के जून तक 250 बेड का कैंसर अस्पताल तैयार हो जाएगा। कैंसर के इलाज के लिए मरीजों को बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित एसकेएमसीएच में वन हेल्थ लैब का उद्घाटन करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एसकेएमसीएच में वर्ष 2024 के जून तक 250 बेड का कैंसर अस्पताल तैयार हो जाएगा। इसकी लागत तीन सौ करोड़ रुपये होगी। इस दिशा में जोर-शोर से काम चल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने लैब के उद्घाटन से पहले अस्पताल बनने की जगह का भी निरीक्षण किया और नक्शा देखा। उन्होंने कहा कि लैब शुरू हो जाने के बाद लोगों को इलाज के लिए बिहार से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। एसकेएमसीएच के अधीक्षक से कहा कि वे आयुष्यमान भारत कार्ड से अधिक से अधिक मरीजों का इलाज कराएं।
कार्यक्रम में एसकेएसमीएच के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार, अधीक्षक डॉ. बाबू साहेब झा, पैथेलॉजी विभाग के हेड प्रो. मनोज कुमार, माइक्रोबायोलॉजी की हेड प्रो. पूनम कुमारी, डॉ. ब्रजेश कुमार, डॉक्टर्स फॉर यू के रजत जैन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेपी मंडल, सिविल सर्जन डॉ. उमेश चंद्र शर्मा, आरएडी डॉ. ज्ञान शंकर, पूर्व विधायक बेबी कुमारी, केदार गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार सहित काफी संख्या में डॉक्टर मौजूद रहे।
नार्वे के विवि से होगा एमओयू साइन
होमी भाभा कैंसर अस्पताल के प्रभारी डॉ. रविकांत ने बताया कि लैब खुलने के बाद नार्वे के ओस्लो विवि से एमओयू साइन करने वाले हैं। इससे एसकेएमसीएच के छात्र नार्वे जाकर पीएचडी कर सकेंगे। यह पीएचडी बिहार के विषयों पर ही की जाएगी। नार्वे के ओस्लो विवि से भी छात्र एसकेएमसीएच में पढ़ने आएंगे।
दवा कंपनी ने लैब के लिए दिए 100 करोड़
डॉ. रविकांत ने बताया कि वन हेल्थ लैब शुरू करने के लिए एक निजी दवा कंपनी ने 100 करोड़ रुपये दिए हैं। इसके अलावा डॉक्टर्स फॉर यू संस्था ने भी दस करोड़ रुपये का सहयोग दिया है। लैब एसकेएमसीएच की पीआईसीयू की चौथी मंजिल पर खोला गया है। इसमें पैथेलॉजी लैब, माइक्रोबायोलॅजी लैब और कैंसर जीनोम सिक्वेंसिंग का काम होगा।
चमकी-बुखार को लेकर अभी रहें अलर्ट : मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सोमवार को एसकेएमसीएच में एईएस को लेकर समीक्षा बैठक की। इससे पहले उन्होंने पीकू के एईएस वार्ड का निरीक्षण किया। कहा कि एईएस को लेकर अभी अलर्ट रहने की जरूरत है। एईएस पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गए प्रयास सराहनीय है। फिर भी वर्तमान में तापमान व उमस में वृद्धि को देखते हुए अलर्ट रहने की जरूरी है। स्वास्थ्य, विभाग जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों की आपसी समन्वय के साथ चलाए जा रहे अभियान को जारी रखें। कोताही नहीं चलेगी।
मंत्री ने एसकेएमसीएच में भर्ती मरीजों की संख्या, एईएस प्रोटोकॉल, रेफरल सिस्टम, दवाओं की उपलब्धता इत्यादि से सम्बंधित जानकारी प्राप्त की। इससे पूर्व उप विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ने एईएस को लेकर किए जा रहे कार्यों के विस्तृत जानकारी दी। वही केयर के जिला प्रतिनिधि सौरभ तिवारी के द्वारा पीपीटी के माध्यम से बिंदुवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई। बैठक में स्वास्थ विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि 2022 में जनवरी से लेकर अभी तक मुजफ्फरपुर जिला में कुल 38 केस आये जबकि अन्य जिलों को मिलाकर कुल 58 मरीज सामने आए।
केन्द्रों पर दवा की कमी
स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक व वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ विनय कुमार शर्मा ने जिले के सिविल सर्जन को पत्र लिखकर कहा है कि एईएस को लेकर स्वास्थ्य केंद्रों पर कई दवा और उपकरण नहीं है। एईएस को लेकर हुए गैप असेसमेंट में यह बात सामने आई है। यह गैप असेसमेंट 23 से 27 मई के बीच की गई थी। इसकी रिपेार्ट भी विभाग को सौंप दी गई है। गैप असेसमेंट में बात सामने आई है कि कुछ स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाएं और उपकरण नहीं हैं।
डॉक्टर और कर्मियों का सम्मान
कार्यक्रम में कैंसर के इलाज में बेहतर काम करने वाले डॉक्टर और उनके साथ टाट मेमोरियल अस्पताल के कर्मचारियों को स्वास्थ्य मंत्री ने सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में डॉ. बुरहानुद्दीन, डॉ. शांतनु पवार, डॉ. चंदा राय, डॉ. किशोर कुमार, गौरव राज, राम गोपाल, संजीव कुमार शर्मा, रमा यादव शामिल हैं।
पीकू में किसी के नहीं रहने पर मंत्री नाराज
वन हेल्थ लैब का उद्घाटन करने आए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय सीधे एसकेएमसीएच की पीआईसीयू पहुंच गए। वहां अस्पताल के किसी अधिकारी को नहीं पाकर नाराज हो गए। यह वाकया तब हुआ जब एसकेएमसीएच के सभी अधिकारी कॉलेज के बाहर मंत्री का इंतजार कर रहे थे, लेकिन दूसरे रास्ते से सीधे मंत्री पीकू पहुंच गए। इसके बाद अस्पताल का सारा अमला पीकू पहुंचा और वहां से मंत्री को लाया गया।
