ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहारबुद्ध भारतीय परंपराओं की देन : दलाई लामा

बुद्ध भारतीय परंपराओं की देन : दलाई लामा

तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा मंगलवार की सुबह महाबोधि मंदिर पहुंचे और गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की। पवित्र महाबोधि वृक्ष को नमन किया। दलाई लामा ने महाबोधि मंदिर में करीब 50 मिनट से ज्यादा समय...

बुद्ध भारतीय परंपराओं की देन : दलाई लामा
बोधगया। निज संवाददाताMon, 17 Dec 2018 08:01 PM
ऐप पर पढ़ें

तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा मंगलवार की सुबह महाबोधि मंदिर पहुंचे और गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की। पवित्र महाबोधि वृक्ष को नमन किया। दलाई लामा ने महाबोधि मंदिर में करीब 50 मिनट से ज्यादा समय तक पूजा अर्चना की। उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष सूत्तपात पाठ किया और विश्व शांति की कामना की। दलाई लामा के महाबोधि मंदिर प्रवेश करने पर हजारों लोगों ने एक साथ खड़े होकर उनका स्वागत किया। दलाई लामा ने भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।

महाबोधि मंदिर से बाहर निकलने के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि बुद्ध भारतीय की हजारों साल पुरानी परंपरा की देन है। उन्होंने कहा कि बुद्ध की मुख्य शिक्षा करुणा है और इस पर आधारित है अहिंसा। पवन पावन ने कहा कि बुद्ध ने करुणा और अहिंसा के सिद्धांत का विस्तार से समझाया।

उन्होंने कहा कि हर चीज दूसरे पर निर्भर है। किसी चीज का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं। हमें ऐसा लगता है कि एक इनसान स्वतंत्र है लेकिन जांच करें तो हम उसके शरीर को ही देख पात हैं, उसके मन को नहीं। यह बोधिसत्व का महत्वपूर्ण भाग है। 
उन्होंने क्रोध और राग को विध्वंसात्मक भाव बताया और इसकी काट के लिए तर्क आधारित सकारात्मक भाव जैसे अहिंसा और करुणा को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म के सभी रूप का मुख्य संदेश प्रेम और उदारता है। दर्शन की दृष्टि से बौद्ध धर्म अद्वितीय है।

उन्होंने बताया कि बौद्ध धर्म वैज्ञानिकता से भरा है। बौद्ध धर्म चित्त की वैज्ञानिकता पर आधारित है। बौद्ध धर्म सभी को एक समान देखता है। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म का संदेश शांति, प्रेम, करुणा और आपसी भाईचारा का है। गुरुवार को दलाई लामा भोला बिगहा में सिक्किम बौद्ध मोनेस्ट्री का शिलान्यास रखेंगे। इसको लेकर डीएमव एसएसपी ने वहां जाकर सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना किया।

चीन में सत्ता का केन्द्रीकरण
चीन का समाजवाद का सिद्धांत बहुत अच्छा है लेकिन सत्ता का केन्द्रीकरण है जो सही नहीं है। चीन में समाजवाद बेहतर रूप में नहीं है। सत्ता का केंद्रीकरण है, जबकि इसका विकेंद्रीकरण होना चाहिए।  शांति प्रिय लोगों पर सख्ती नहीं हो तो वे रचनात्मक कार्यों में ज्यादा ध्यान देंगे। प्रकृति और जीव को करीब रहना चाहिए। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें