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Bihar: दारोगा जी से ज्यादा कानून जानती हैं महिला थानेदार

महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। चाहे वह पुलिस की नौकरी ही क्यों न हो। न सिर्फ वह कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, बल्कि कई मामलों में पुरुषों पर भारी हैं। बिहार की महिला थानेदारों ने इसे साबित कर दिखाया...

Bihar: दारोगा जी से ज्यादा कानून जानती हैं महिला थानेदार
पटना | प्रिय रंजन शर्माTue, 11 Feb 2020 08:19 AM
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महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। चाहे वह पुलिस की नौकरी ही क्यों न हो। न सिर्फ वह कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, बल्कि कई मामलों में पुरुषों पर भारी हैं। बिहार की महिला थानेदारों ने इसे साबित कर दिखाया है। पॉक्सो समेत महिलाओं से जुड़े कानून की जानकारी रखने में पुरुष थानेदार उनसे मात खा रहे हैं। 

बिहार में 40 महिला थाने हैं। तीन को छोड़ बाकी में सब-इंस्पेक्टर रैंक की महिलाएं थानेदार हैं। पिछले दिनों सीआईडी ने इनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया था। इसके बाद लिखित परीक्षा ली गई। 50 अंकों की परीक्षा के परिणाम चौंकाने वाले रहे। पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर महिलाएं रहीं। सबसे अंतिम 40वें स्थान पर रहने वाले थानेदार पुरुष हैं। हालांकि दो अन्य पुरुष थानेदारों का परफार्मेंस कुछ हद तक बेहतर रहा। बावजूद वह तीसरे स्थान पर आई महिला थानेदार से भी पीछे रह गए। 

सबसे ज्यादा 95.92% अंक लाकर सुपौल की प्रेमलता भूपाश्री पहले स्थान पर रहीं। दूसरे नंबर पर भोजपुर महिला थाने की प्रभारी कंचन कुमारी हैं, जिन्हें 89.80% अंक मिले। तीसरे स्थान पर गया की रवि रंजना कुमारी और औरंगाबाद की उपासनी कुमारी (87.76% अंक) रहीं। सबसे कम 44.90% अंक कैमूर महिला थाना के प्रभारी राधे श्याम सिंह को मिले।

अर्थशास्त्र से पीजी तो कोई बीपीएससी से चूक गई
पुरुष थानेदारों को कानून की जानकारी में मात देनेवाली इन महिला थानेदारों की कहानी कम दिलचस्प नहीं हैं। प्रेमलता दो दफे बीपीएससी की मुख्य परीक्षा तक पहुंच चुकी हैं। दारोगा में चयन होने के बाद वह आगे इसकी तैयारी नहीं कर पाईं। कंचन कुमारी अर्थशास्त्र में एमए हैं। वह पीएचईडी कर रही थीं पर दारोगा बनने के चलते इसे पूरी नहीं कर पाईं। वहीं, रवि रंजना कुमारी जन संचार की पढ़ाई की है।

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