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Hindi News बिहारसोलर पावर से जगमग होगा बिहार, देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट लखीसराय में; बिजली कब से?

सोलर पावर से जगमग होगा बिहार, देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट लखीसराय में; बिजली कब से?

यह परियोजना न केवल पर्यावरण के अनुकूल होगा, बल्कि जल-जीवन-हरियाली अभियान का भी संवर्धन करेगा। जिस एजेंसी को निर्माण का जिम्मा दिया जाएगा, वह अगले 10 वर्षों तक इसकी देख-रेख भी करेगी।

सोलर पावर से जगमग होगा बिहार, देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट लखीसराय में; बिजली कब से?
Sudhir Kumarहिंदुस्तान,पटनाSun, 17 Dec 2023 01:24 PM
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सोलर एनर्जी के मामले में बिहार बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाला है। आगामी डेढ़ वर्षों में  बिहार के कजरा बिजली घर लखीसराय से 185 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन होने लगेगा। देश में सोलर बिजली का यह सबसे बड़ा भंडारण क्षमता वाला यूनिट है। बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ने कजरा बिजली घर से उत्पादन शुरू करने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। जनवरी तक चयनित एजेंसियों को काम दे दिया जाएगा। मार्च तक कजरा बिजली घर का काम शुरू करने का लक्ष्य है।

कजरा बिजली घर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डीपीआर कंसल्टेंट कंपनी मेसर्स गुजरात एनर्जी रिसर्च एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (जर्मी) ने तैयार किया है। कंसल्टेंट कंपनी से वर्तमान बाजार परिदृश्य, स्टैंडर्ड प्रैक्टिस तथा परियोजना की संभाव्यता पर विचार-विमर्श करते हुए बिजली कंपनी ने यह निर्णय लिया है। कंपनी ने सौर ऊर्जा संयंत्र की ईपीसी लागत 1188.41 करोड़ जबकि बैट्री ऊर्जा भंडारण प्रणाली की लागत 621.93 करोड़ का अनुमान लगाया है। इसके अतिरिक्त उपयोग के आधार पर सामान्यत 12 वर्षों की अवधि के पश्चात इन बैट्रियों को बदलने की अनुमानित लागत 435.35 करोड़ होगी।

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पीक आवर में 45.40 मेगावाट आपूर्ति होगी इस प्लांट से न सिर्फ दिन में 185 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, बल्कि बैट्री ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीइएसएस) के माध्यम से देर शाम पीक आवर में भी 45.40 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा सकेगी।

1232 एकड़ जमीन की निर्माण शुरू

कजरा बिजली घर के लिए 1232 एकड़ भूमि पहले से ही अधिग्रहित है। आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार (आइडीए) द्वारा अधिग्रहित उक्त भूमि ऊर्जा विभाग को पहले ही स्थानांतरित किया जा चुका है। कंपनी ने अधिग्रहित जमीन के सीमांकन का काम शुरू कर दिया है। चाहरदीवारी के निर्माण की कार्रवाई की जा रही है। यह परियोजना न केवल पर्यावरण के अनुकूल होगा, बल्कि जल-जीवन-हरियाली अभियान का भी संवर्धन करेगा। इस बिजली घर से राज्यों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की बाध्यता व भंडारण दायित्व को भी काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा।

5.19 रुपये प्रति यूनिट होगी लागत

जिस एजेंसी को इसके निर्माण का जिम्मा दिया जाएगा, वह अगले 10 वर्षों तक इसकी देख-रेख भी करेगी। बिजली कंपनी ने सौर संयंत्र सह भंडारण प्रणाली के साथ कजरा सौर प्लांट से उत्पादित बिजली की औसत टैरिफ 5.83 रुपये प्रति किलोवाट (केडब्ल्यूएच) पड़ने का अनुमान लगाया है। शुरुआती दिनों में यह लागत 5.19 रुपये प्रति यूनिट हो सकती है।

जेनरेशन कंपनी द्वारा स्थापित किये जा रहे इस सोलर पावर प्लांट पर 1810.34 करोड़ की लागत आयेगी। ऊर्जा विभाग ने हाल ही में परियोजना लागत की 80 फीसदी राशि यानि 1448.27 करोड़ विभिन्न वित्तीय संस्थानों से ऋण स्वरूप लिये जाने तथा 20 प्रतिशत 362.07 करोड़ राज्य सरकार से पूंजीगत निवेश के रूप में इक्विटी स्वरूप लेने को मंजूरी दी है।