बिहार के नौजवानों को मिलेगी विधानसभा लाइब्रेरी में पढ़ने की सुविधा, नई पीढ़ी जान पाएगी राजनेताओं के अच्छे विचार
ऐतिहासिक बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष पर बिहार के नौजवानों व आमलोगों को भी तोहफा मिलेगा। इन्हें यहां की लाइब्रेरी में जाकर जानकारी लेने और ऐतिहासिक तथ्यों को पढ़ने का मौका मिलेगा। बिहार...
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ऐतिहासिक बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष पर बिहार के नौजवानों व आमलोगों को भी तोहफा मिलेगा। इन्हें यहां की लाइब्रेरी में जाकर जानकारी लेने और ऐतिहासिक तथ्यों को पढ़ने का मौका मिलेगा। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि शताब्दी समारोह को लेकर यह फैसला किया गया है कि हम नौजवानों के लिए विधानसभा लाइब्रेरी का द्वार खोलेंगे।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की लाइब्रेरी का उपयोग अबतक माननीय सदस्य ही करते हैं। विधानसभा के नए विस्तारित भवन के निर्माण के बाद वहीं इसे शिफ्ट किया गया है और अधिक जगह मिलने के कारण लाइब्रेरी को करीने से सजाया गया है। बिहार विधानसभा की अबतक की समृद्ध यात्रा तथा सदन की कार्रवाई से संबंधित एक-से-एक अनमोल तथ्य और किताबें यहां उपलब्ध हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि तैयारी चल रही है और जल्द ही लाइब्रेरी में अध्ययन की सुविधा आम नौजवानों को उपलब्ध कराएंगे।
बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह के मद्देनजर एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। लाइब्रेरी समेत विधानसभा के तमाम डाक्टयूमेंट को डिजिटल किया जाएगा। इसके दो फायदे होंगे। एक तो सभी ऐतिहासिक तथ्य सुरक्षित हो जाएंगे, दूसरा इन्हें डिजिटल माध्यम से देखा-पढ़ा जा सकेगा। भारतीय संसद की तर्ज पर यह कार्रवाई होगी। बकौल विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा लाइब्रेरी को डिजिटल करने के लिए सभा सचिवालय की एक टीम को संसद का अध्ययन के लिए दिल्ली भेजेंगे। अधिकारी-कर्मी पार्लियामेंट की डिजिटल लाइब्रेरी को देखने के बाद अपनी रिपोर्ट देंगे, उसके आधार पर विधानसभा सचिवालय आगे काम कर इस परिकल्पना को अंजाम तक पहुंचायेगा।
आम अवाम के लिए संरक्षित होगा विस का सफरनामा
शताब्दी वर्ष के एक बड़े निर्णय के तहत बिहार विधानसभा के आजादी के बाद गणतंत्र पूर्व के सफरनामा को एक संग्रहालय की शक्ल में सजाया जाएगा। इस डिजिटल म्यूजियम में बिहार के अबतक के नामचीन राजनेताओं के विधायी कार्यों से जुड़ी यादें संजोयी जाएगी। उनके अच्छे विचार और सदन में उनके हुए प्रमुख भाषण अंश लोगों के लिए संग्रहालय में उपलब्ध कराये जायेंगे। उपलब्ध सामग्रियों की बजाप्ता कैटलागिंग करायी जाएगी, वर्षवार और घटनाक्रमवार चीजें करीने से इस संग्रहालय में हों, इसे सुनिश्चित किया जाएगा ताकि इन्हें जानने-समझने की चाहत रखने वाले अध्येताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को इससे गुजरने में सहूलियत हो।