Bihar Politics: कांग्रेस जिलाध्यक्ष में भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत की जय-जय, बीजेपी के पेट में दर्द क्यों?
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष की सूची से भारतीय जनता पार्टी की बेचैनी बढ़ गई है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भूमिहार बिरादरी से आते हैं। उन्होंने सवर्ण समाज के नेताओं को नेतृत्व का मौका दिया है।
बिहार प्रदेश कांग्रेस पार्टी द्वारा जिला अध्यक्षों के मनोनयन को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस के भीतर के कुछ नेताओं के साथ-साथ बीजेपी के पेट में भी दर्द शुरू हो गया है। बीजेपी ने कांग्रेस को वोट कटवा करार दिया है। आरजेडी ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है।
बिहार कांग्रेस कमेटी ने राज्य के सभी 39 सांगठनिक जिला अध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। सूची जारी होते ही बिहार के राजनैतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जिन नेताओं को पार्टी की ओर से बहाल किया गया है उनमें सबसे ज्यादा भूमिहार जाति से हैं। उनकी संख्या 11 है। इसके अलावा ब्राह्मण समाज के 8, राजपूत बिरादरी से 6 नेताओं को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसमें मुस्लिम, यादव और दलित आर के नेताओं को भी मौका दिया गया है। मुस्लिम समाज से 5, यादव समाज से 4 और दलित समाज से तीन नेताओं को जिला अध्यक्ष बनने का मौका मिला है।
कांग्रेस जिलाध्यक्षों में 67%अपर कास्ट, 11 भूमिहार; बीजेपी के सवर्ण वोटरों पर नजर
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष की सूची से भारतीय जनता पार्टी की बेचैनी बढ़ गई है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भूमिहार बिरादरी से आते हैं। उन्होंने सवर्ण समाज के नेताओं को नेतृत्व का मौका दिया है। अखिलेश सिंह की रणनीति यह है कि सवर्ण वोटर मजबूरी मे बीजेपी के पक्ष में मतदान करते हैं। उसे तोड़ा जाए। भाजपा की बेचैनी बढ़ने का कारण यही है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी टारगेट 36 पर काम कर रही है। कांग्रेस की इस नई रणनीति से भाजपा को नुकसान हो सकता है। इसी वजह से बीजेपी एमएलए और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा की प्रतिक्रिया आई है।
विजय सिन्हा ने कहा है कि कांग्रेस बिहार में अपने से कुछ नहीं करती बल्कि जेडीयू और आरजेडी के इशारे पर काम करती हैं। बिहार में कांग्रेस का आरजेडी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। पार्टी सत्ता के लिए किसी के साथ समझौता कर सकती है और कभी भी किसी को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। उन्होंने कांग्रेस को वोटकटवा पार्टी करार दिया।
जिला अध्यक्षों की बहाली का दर्द कांग्रेस के नेताओं को भी है। नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने कहा है कि प्रदेश नेतृत्व की ओर से लिया गया निर्णय गलत है। प्रदेश अध्यक्ष के भतीजा धनंजय शर्मा को लगातार तीसरी बार अरवल का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी पर एक वर्ग का दबदबा कायम करने की कवायद की जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष अपनी जाति के लोगों को ज्यादा मौका देने का आरोप लगाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी को इससे नुकसान हो सकता है।
वहीं राजद की ओर से कहा गया है कि सवर्ण समाज परंपरा से कांग्रेसी है। प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सवर्ण पुराने कांग्रेसी रहे हैं। बीजेपी के बाद में आई और सवर्ण वोट पर सेंधमारी की गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का निर्णय बिल्कुल सही है। इससे संगठन मजबूत होगा और पुराने लोग पार्टी में आएंगे। इससे कांग्रेस की ताकत बढ़ेगी। बीजेपी को इसी से छटपटाहट हो रही है।