छात्रों का विदेश में पढ़ने का सपना होगा पूरा, नीतीश सरकार देगी 50 लाख तक एजुकेशन लोन
राज्य सरकार विदेशों में पढ़ने जाने वाले छात्रों को 50 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण देगी। बड़े संस्थानों में पढ़ने के लिए 10 लाख तक और सामान्य शिक्षण संस्थानों के लिए पूर्व की ही तरह 4 लाख ऋण मिलेगा।

राज्य सरकार विदेशों में पढ़ने जाने वाले छात्रों को 50 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण देगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत देश के अंदर बड़े संस्थानों में पढ़ने के लिए 10 लाख तक और सामान्य शिक्षण संस्थानों के लिए पूर्व की ही तरह 4 लाख ऋण मिलेगा। हालांकि कुछ संस्थानों के लिए इसे 12-15 लाख तक करने पर भी विचार किया जा रहा है।
पिछले दिनों सरकार ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड को लेकर व्यापक बदलाव का निर्णय लिया था। ताकि इसे व्यावहारिक बनाया जा सके। इस समय देश के बड़े संस्थानों में पढ़ने में बिहार के बच्चों को काफी परेशानी हो रही है। यहां तक कि वे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की सुविधा तो ले रहे हैं, लेकिन इसका उन्हें अधिक लाभ नहीं हो पा रहा। लिहाजा, सरकार ने स्टेडेंट क्रेडिट कार्ड को अधिक छात्रपरक बनाने के लिए इसकी ऋण की सीमा में बढ़ोतरी का फैसला किया है।
अभी सभी प्रकार के छात्रों को किसी भी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ने के लिए मात्र 4 लाख का ही ऋण मिलता है। लेकिन नया बदलाव हुआ तो देश के बड़े संस्थानों और विदेशों में पढ़ने वाले बच्चों को बड़ा लाभ होगा। यही नहीं उन्हें दूसरे ऋण के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ेगा या फिर बैंकों से महंगे ऋण नहीं लेना होगा।
शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने फिलहाल आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, एनआईएफटी समेत 161 संस्थानों की पहचान की है, जहां शिक्षा ऋण 4 लाख से अधिक दिया जा सकता है। हालांकि इनमें से कुछ को शार्टलिस्ट भी किया जा सकता है। इसी तरह विदेशों में पढ़ने के लिए 50 लाख तक ऋण मिलेगा।




