बिहार में नक्सली पर्चा मिलने से सनसनी, पोस्टर में लिखा- संगठन में शामिल हो नहीं तो छह इंच छोटा कर देंगे
बिहार-झारखंड सीमा पर अवस्थित चकाई के बरमोरिया पंचायत अंतर्गत गुडूरबाद गांव में मंगलवार की सुबह लाल रंग से हस्तलिखित एक पर्चा देखे जाने से गांव में सनसनी फैल गयी। पोस्टर में गांव के एक नियोजित शिक्षक...
बिहार-झारखंड सीमा पर अवस्थित चकाई के बरमोरिया पंचायत अंतर्गत गुडूरबाद गांव में मंगलवार की सुबह लाल रंग से हस्तलिखित एक पर्चा देखे जाने से गांव में सनसनी फैल गयी। पोस्टर में गांव के एक नियोजित शिक्षक सहित 17 लोगों को घर छोड़कर संगठन के साथ चलने के लिए कहा गया है नहीं तो छह इंच छोटा करने की धमकी दी गयी है। पोस्टर गांव के उत्तरी छोर पर रहे एक पेड़ पर सूते के सहारे टांगा हुआ था।
पोस्टर के दोनों ओर हाथ से लिखा हुआ था। पोस्टर के ऊपर लाल सलाम और भाकपा माओवादी के तरफ से लिखा हुआ है। पोस्टर नक्सलियों के द्वारा जारी किया गया है, इसको लेकर खुलकर कोई भी बोलने से परहेज कर रहा है। मंगलवार सुबह जब गांव के लोग गांव के पक्की सड़क की ओर गए तो गांव के रास्ते के किनारे स्थित पेड़ में सादे कागज पर लाल रंग से हस्तलिखित एक पर्चा लटका देखा।
पोस्टर में लिखा गया है कि लाल सलाम भाकपा माओवादी पार्टी की तरफ से नाम असगर अंसारी आपको तीन बार बुलाया गया, उसमें से आप इनकार किए। आप पारा टीचर छोड़िए और क्रांतिकारी चलाइए, घर द्वार छोड़िए साथ में चलिए। मेरे घर छूट है, दिन दहाड़े लूट है, गुडूरबाद किसान कमेटी से पार्टी को कोई मतलब नहीं रहा, सब घर छोड़िए नहीं तो छह इंच छोटा।
पोस्टर में शिक्षक असगर के अलावे ग्रामीण काशिम,निसार, सदर, चेरका ,सलीम, नवी ,कारू, हविश, बाजो, खर्टली, मुसिया, रोजन,प्यारी ,यूनुस, इस्लाम एवं चतुर का नाम लिखा हुआ है। पर्चा की सूचना पाकर मंगलवार की दोपहर के करीब चकाई थाना पुलिस एवं चकाई सीआरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ में टंगे पर्चे को जब्त कर लिया। प्रभारी थानाध्यक्ष विश्वमोहन झा ने बताया कि पोस्टर नक्सली है या असमाजिक तत्वों की करतूत इसका पता लगाया जा रहा है।