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बाढ़ की तैयारीः फूड पैकेट के साथ साथ दवा किट की तैयारी, जानें पीड़ितों की राहत के लिए क्या कर रही है सरकार

जिला मुख्यालय में 50 हजार एवं प्रखंड स्तर पर 10 हजार हैलोजन टैबलेट उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है। वहीं, ओआरएस पैकेट भी जिला एवं प्रखंड अस्पतालों में 50-50 हजार की संख्या में उपलब्ध कराए जाएंगे।

बाढ़ की तैयारीः फूड पैकेट के साथ साथ दवा किट की तैयारी, जानें पीड़ितों की राहत के लिए क्या कर रही है सरकार
हिन्दुस्तान,पटनाWed, 25 May 2022 03:27 PM
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बिहार में मानसून के आगमन व बाढ़ पूर्व तैयारी शूरू हो गई है। इसके तहत बाढ़ प्रभावित सभी इलाकों के अस्पतालों में जरूरी दवाओं का भंडारण किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने सभी क्षेत्रीय अपर निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं एवं जिलों के सिविल सर्जनों को जिला व प्रखंड मुख्यालय स्थित अस्पतालों में दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जरूरी दवाओं में जल जनित रोगों एवं महामारी की रोकथाम को लेकर आवश्यक दवाओं को शामिल किया जाएगा। विभाग ने कहा कि राज्य में संभावित बाढ़ एवं इससे उत्पन्न स्थिति के कारण जानमाल की क्षति के अलावा जलजनित रोगों, महामारी फैलने की संभावना के मद्देनजर उसकी रोकथाम हेतु पूर्व से ही प्रभावकारी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। ताकि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीजों का समुचित उपचार ससमय किया जा सके। गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी जिलों को बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भेजी गयी है।

जिला मुख्यालय में 50 हजार हैलोजन टैबलेट रहेगी उपलब्ध

जिला मुख्यालय में 50 हजार एवं प्रखंड स्तर पर 10 हजार हैलोजन टैबलेट उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है। वहीं, ओआरएस पैकेट भी जिला एवं प्रखंड अस्पतालों में 50-50 हजार की संख्या में उपलब्ध कराए जाएंगे। सांप काटने की दवा 1000 वायल जिलों में और 50 वायल प्रखंडों में, कुत्ता काटने की दवा 750 वायल जिलों में और 30-30 वायल प्रखंडों में रखने के निर्देश दिए गए है। वहीं, 30 हजार जिंक टैबलेट जिलों में और 3000 प्रखंडों में भंडारित करने के निर्देश दिए गए है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव को लेकर जिला स्तर पर 500 बैग एवं प्रखंड स्तर पर 25-25 बैग उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि चूना के 1500 बैग व 75-75 बैग उपलब्ध कराये जाएंगे।

अस्पतालों में दवाइयों की बेहतर व्यवस्था करें

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने स्वास्थ्य अधिकारियों को अस्पतालों में इलाज एवं दवाइयों की बेहतर व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में चिकित्सकों को अस्पताल में मरीज देखने में अधिक सुविधा मिले ताकि वे अधिक संख्या में मरीजों को देख सकें। जो दवाइयां स्टॉक में हो वे अधिक से अधिक अस्पतालों तक पहुंच सकें। जांच संबंधि सुविधाओं में यदि कठिनाई हो रही है तो उसमें सुधार किया जाए। श्री पांडेय ने मंगलवार को शेखपुरा स्थित राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान परिसर में ‘राज्य में संचालित स्वास्थ्य योजनाओं की मासिक समीक्षा’ बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये निर्देश दिए। बैठक में स्वास्थ्य योजनाओं के विभिन्न मानकों की समीक्षा के क्रम में चर्चा व समीक्षा की गयी। इनमें मातृ-मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, टीबी नियंत्रण, मलेरिया नियंत्रण, कालाजार सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गयी। बैठक में जिलों को भी बेहतर कार्य के प्रजेंटेंशन के लिए प्रोत्साहित किया गया। औरंगाबाद, बेगूसराय एवं पूर्णिया जिलों की ओर से किए जा रहे कार्यो को प्रजेंटेंशन के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।

दवा किट में पांच प्रकार की जरूरी दवाएं रहेंगी

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फूड पैकेट के साथ ही दवाओं का किट तैयार कर उसे उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि उपयोगकर्ता व्यक्ति या परिवार को आवश्यक दवाओं के उपयोग करने में कोई परेशानी न हो। इसपर होने वाला सभी खर्च स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। इस दवा के किट में पांच प्रकार की जरूरी दवाएं रहेंगी। इनमें ओआरएस, हैलोजन, डोमपरीडोन टैबलेट, माइकोनोजल नाइट्रेट क्रीम एवं पारासिटामोल टैबलेट दिया जाएगा।

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