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दो साल बाद लौटी एक मां की आंखों की रोशनी, अधिकारियों की पहल से बच्चे को नसीब हुई गोद

दो साल बाद मां के गोद में बच्चा पहुंचा। माता से बिछड़ने के बाद मंदबुद्धी बच्चा दो साल से बाल गृह में रह रहा था। बाल गृह के अधिकारियों की पहल पर बालक बुधवार को अपने घर पहुंच गया। किशोर न्याय परिषद में...

दो साल बाद लौटी एक मां की आंखों की रोशनी, अधिकारियों की पहल से बच्चे को नसीब हुई गोद
विधि संवाददाता,बिहारशरीफWed, 14 Apr 2021 10:48 PM
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दो साल बाद मां के गोद में बच्चा पहुंचा। माता से बिछड़ने के बाद मंदबुद्धी बच्चा दो साल से बाल गृह में रह रहा था। बाल गृह के अधिकारियों की पहल पर बालक बुधवार को अपने घर पहुंच गया। किशोर न्याय परिषद में सफलता का परचम लहराने के बाद पूर्व सदस्य व बाल गृह के अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने एक बार फिर सफलता हासिल की है। 

इन्होंने दो साल से बाल गृह में रह रहे 12 वर्षीय किशोर को उसकी मां से मिलवाया। सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बालक को उसके माता को सौंप दिया गया।

अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि बालक दो साल से यहां रह रहा था। जहां, उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद उसके फाइल को देखा और बच्चे को बहुत ही समझाने बुझाने और प्यार से पूछताछ करने के बाद उसने अपने घर का पता बताया। 

पहले तो वह इधर-उधर की बातें करता रहा। लेकिन, प्यार दुलार देने पर किशोर ने एक लोकेशन बताई। इसके बाद उन्होंने इस्लामपुर थानाध्यक्ष शरद रंजन कुमार से संपर्क किया। बच्चे की बताए लोकेशन ढूंढने को कहा। पुलिस एवं बाल गृह के अथक प्रयास के बाद इस्लामपुर बाजार के एक मोहल्ला के पुत्र के गुम होने की जानकारी मिली। 

इसके बाद वहां के लोगों को किशोर का फोटो दिखाया गया। इसमें अल्पसंख्यक परिवार का एक बेटा होने की जानकारी मिली। चूंकि, उसके पिता नहीं है। माता की भी दोनों आंखों में रोशनी नहीं है। ऐसे में आसपास के लोगों व परिजनों ने किशोर की उसके पुत्र के रूप में पहचान की। बच्चे को पाकर माता काफी खुश हुई। दो दिन पहले ही धर्मेंद्र कुमार ने बाल गृह के अधिक्षक का पदभार ग्रहण किया है। वहां 20 बच्चे रह रहे थे। अब यहां उनका एक साथी अपने घर पहुंच चुका है।

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