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नल-जल योजना: गाइडलाइन को नीतीश कैबिनेट ने दी मंजूरी, उपभोक्ताओं से वसूली गई आधी राशि वार्ड सदस्यों को

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) द्वारा संचालित नल-जल योजना के अंतर्गत भी वार्ड सदस्यों को उपभोक्ता शुल्क की आधी राशि मिलेगी। पीएचईडी की योजनाओं के रख-रखाव के गाइडलाइन को कैबिनेट ने स्वीकृति...

नल-जल योजना: गाइडलाइन को नीतीश कैबिनेट ने दी मंजूरी, उपभोक्ताओं से वसूली गई आधी राशि वार्ड सदस्यों को
पटना, हिन्दुस्तान टीमTue, 22 Jun 2021 05:53 PM
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लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) द्वारा संचालित नल-जल योजना के अंतर्गत भी वार्ड सदस्यों को उपभोक्ता शुल्क की आधी राशि मिलेगी। पीएचईडी की योजनाओं के रख-रखाव के गाइडलाइन को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल पांच प्रस्तावों को मंजूरी मिली। 

पीएचईडी द्वारा राज्य के 56 हजार वार्डों में नल-जल योजना का क्रियान्वयन और संचालन किया जा रहा है। इन वार्डों में भी नल-जल योजना के तहत आपूर्ति पेयजल को लेकर हर परिवार से 30 रुपये महीने की वसूली करनी है। उपभोक्ता शुल्क वसूलने की जिम्मेदारी वार्ड सदस्य की होगी। महीने में जितनी वसूली वे करेंगे, उसका आधा हिस्सा उन्हें प्रोत्साहन के रूप में मिलेगा। शेष राशि ग्राम पंचायत के खाते में जमा होगी। मालूम हो कि औसतन एक वार्ड में 200 परिवार रहते हैं। 

हर पंचायत में होगी मरम्मत टीम 
पीएचईडी द्वारा संचालित वार्डों में नल-जल से संबंधित शिकायतों को जल्द दूर करने के लिए सभी पंचायतों में एक मरम्मत टीम अनिवार्य रूप से रहेगी। संबंधित संवेदक द्वारा इस टीम को रखा जाएगा। अगर शिकायतों को समय पर दूर नहीं किया गया तो संवेदक पर विभाग जुर्माना लगाएगा। वहीं वार्ड के पंप ऑपरेटर की जिम्मेदारी होगी कि वह प्रतिदिन गांव की दो महिलाओं से हस्ताक्षर लेगा कि पेयजल की आपूर्ति हुई। अक्टूबर से मार्च तक सुबह छह ने नौ और अप्रैल से सितंबर तक सुबह पांच से आठ बजे तक पेयजल की आपूर्ति होगी। शाम में चार से सात बजे तक पेयजल आपूर्ति होगी। 

बाल हृदय योजना: मरीज के एक परिजन को अब दस हजार मिलेंगे 
बाल हृदय योजना के अंतर्गत मरीज के परिजनों के लिए निर्धारित परिवहन की राशि को बढ़ा दिया गया है। इलाज के लिए मरीज के साथ जाने वाले परिवार के एक सदस्य को अब पांच हजार की जगह दस हजार मिलेंगे। अगर मरीज बच्चे की उम्र छह वर्ष से कम है तो दो सदस्य भी साथ में जा सकेंगे। इस तरह इन्हें अब 20 हजार मिलेंगे। मालूम हो कि सुशासन के कार्यक्रम 2020-25 के तहत सात निश्चय-2 में शामिल सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा में हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। इसी के अंतर्गत बाल हृदय योजना लागू की गई है। इसमें मरीज का परिवहन खर्च भी राज्य सरकार देती है। 

कैबिनेट के अन्य फैसले
- आठ प्रखंडों में अंचल कार्यालय सह आवासीय भवन, निरीक्षण कमरा एवं परिसर विकास को 187 करोड़ 40 लाख की स्वीकृति मिली।  
- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अंतर्गत गव्य संवर्ग भर्ती-प्रोन्नति सेवाशर्त संशोधन नियमावली को स्वीकृत किया गया।  

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