बिहार: गर्ल्स फर्स्ट-बेटियों को सशक्त बनाने की योजना, 33 जिलों के 165 कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय का चयन
कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय (केजीबीवी) में गर्ल्स फर्स्ट योजना के तहत बेटियां सशक्त और सुरक्षित रहने की पढ़ाई करेंगी। सूबे के 165 केजीबीवी में गर्ल्स फर्स्ट योजना के तहत इन बेटियों के लिए बिहार...
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कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय (केजीबीवी) में गर्ल्स फर्स्ट योजना के तहत बेटियां सशक्त और सुरक्षित रहने की पढ़ाई करेंगी। सूबे के 165 केजीबीवी में गर्ल्स फर्स्ट योजना के तहत इन बेटियों के लिए बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से अलग किताब बनवाई गई है। यह कदम बेटियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सशक्तीकरण को लेकर उठाया गया है।
दो किताब सिलेबस में शामिल
कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय की बच्चियों को छठी कक्षा से ही सशक्त और सुरक्षित रहने की तरकीब बताई जाएगी। जिले में पांच कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का इसके तहत चयन किया गया है। कोरोना की वजह से इस सत्र से बच्चियों को यह किताब मिलने में देरी हुई है। अब इन सभी केजीबीवी में छठी, सातवीं और आठवीं की बच्चियों के लिए यह किताब भेजी जा रही है। दो अलग किताब को इन बच्चियों के सिलेबस में शामिल किया गया है। राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्रत्त्ी ने मुजफ्फरपुर समेत इन 33 जिले के डीईओ और डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान को इस संबंध में निर्देश दिया है। इन बच्चियों के लिए किताबों का कितना सेट भेजा जा रहा है। इसकी सूची जिले को उपलब्ध करा दी गई है।
इन केजीबीवी का किया गया है चयन
मुजफ्फरपुर में कांटी, मुरौल, बोचहां, मुशहरी और गायघाट केजीबीवी, सीतामढ़ी में डुमरा, बाजपट्टी, परसौनी, रीगा, सुप्पी, प. चम्पारण में बेतिया,मझौलिया, बैरिया, चनपटिया और सिकटा, गया में नगर प्रखंड, बोधगया, शेरघाटी, मानपुर और बेला, पटना में मनेर, बिहटा, बिक्रम, पाली, पटना सदर, नालंदा में रहुई, बिंद, बेन, बिहारशरीफ, मधेपुरा में मधेपुरा, पुरअईनी, मुरलीगंज, ग्वालपरा, बिहारीगंज केजीबीवी का चयन किया गया है।
पांच-पांच शिक्षिकाओं को मिलनी है ट्रेनिंग
डीईओ ने बताया कि इसके लिए पांच-पांच शिक्षिकाओं को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। पूजा की छुट्टी के बाद कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय खुलने पर राज्य स्तर पर शिक्षिकाओं को इसके लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।
राज्य परियोजना निदेशक ने कहा है कि बच्चियों के लिए समुत्थान शिक्षा और किशोरी स्वास्थ्य शिक्षा के किताब का निर्माण किया गया है। इसे केजीबीवी की बच्चियों को संबंधित कक्षा की किताबों के साथ अलग से पढ़ाना है। डीईओ अब्दुस्सलाम अंसारी ने बताया कि बच्चियां सशक्त बने और अपनी सुरक्षा को लेकर सजग रहें, इसको लेकर यह किताब बनाई गई है। सभी वार्डेन और शिक्षिका को निर्देश दिया गया है कि इसके तहत बच्चियों को पढ़ाएं। यह किताब थ्योरी से अधिक प्रैक्टिकल पर आधारित है।