ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहारBihar Flood: गोपालगंज में बाढ़ की भेंट चढ़ गयी गन्ने की फसल, किसानों की चिंता बढ़ी

Bihar Flood: गोपालगंज में बाढ़ की भेंट चढ़ गयी गन्ने की फसल, किसानों की चिंता बढ़ी

इस वर्ष समय से पूर्व आए मानसून के साथ गंडक नदी में बाढ़ आ जाने से गन्ना किसानों की भारी क्षति हुई है। बाढ़ प्रभावित अंचलों के दियारे व निचले इलाके के करीब 22 हजार हेक्टेयर में लगी गन्ना की फसल...

Bihar Flood: गोपालगंज में बाढ़ की भेंट चढ़ गयी गन्ने की फसल, किसानों की चिंता बढ़ी
गोपालगंज हिन्दुस्तान टीमFri, 25 Jun 2021 06:19 PM
ऐप पर पढ़ें

इस वर्ष समय से पूर्व आए मानसून के साथ गंडक नदी में बाढ़ आ जाने से गन्ना किसानों की भारी क्षति हुई है। बाढ़ प्रभावित अंचलों के दियारे व निचले इलाके के करीब 22 हजार हेक्टेयर में लगी गन्ना की फसल  करीब सात दिनों तक डूबी रही। अब भी खेतों में भारी जलजमाव बना हुआ है। अब बारिश थमने के बाद धूप के उगते ही पौधे मुरझाने लगे हैं। फसल की दुदर्शा व बर्बादी को देख किसान छाती पीट रहे हैं। बाढ़ से पचास फीसदी से अधिक फसल के पूरी तरह नष्ट हो जाने की आशंका हैं। 

करीब तीस करोड़ रुपए क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है। जून महीने में ही बाढ़ से गन्ना की फसल बर्बाद हो जाने से चीनी मिलों के समक्ष भी संकट गहराने लगा है। पिछले एक दशक से प्राय:  अगस्त-सितम्बर के महीने में नदी में बाढ़ आती थी। तब तक पौधे बड़े हो जाते थे। बाढ़ आने पर भी पौधे पूरी तरह नहीं डूबते थे। इस वर्ष गन्ने के पौधे अब तीन फुट के ही हुए थे कि बाढ़ आ गई। फसलें पानी में डूबकर सड़कर बर्बाद हो चुकी हैं। जो बचे हैं वो अब सूख जाएंगे। 

बतरदेह गांव के भुटकूल यादव ने कहा कि 27 बीघे में गन्ने की खेती की थी। जो डूब जाने बर्बाद हो गई है। पानी उतर जाने के बाद फसल सूख जाएगा। राधेश्याम भगत, सुबाष यादव, संजय बनवार आदि किसानों ने बताया कि गन्ना के गाभा में बाढ़ का पानी घुस जाने के बाद फसल बर्बाद हो जाती है। मंझरिया के हरेन्द्र यादव, मुंगराहा के अनिल यादव ने कहा कि बाढ़ ने फसल को बर्बाद कर दिया। 

प्रभावित किसानों ने बताया कि इस साल मानसून  समय के पहले आने के साथ ही अच्छी बारिश हुई। जिसके कारण  मक्का और गन्ने की फसल भी काफी अच्छी हुई थी । इससे किसानों में एक उम्मीद जगी कि इस बार फसल अच्छी होगी और पैदवार बढ़ेंगे।  किसानों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। लेकिन, किसानों की खुशियां और उम्मीद अधिक दिन तक बरकरार नहीं रहीं। अत्यधिक बारिश और बाल्मीकि नगर बराज से छोड़े गए 4 लाख 12हजार  क्यूसेक पानी से आई बाढ़ ने सब कुछ खत्म कर दिया। फसल पानी में डूब गई।

गन्ना उत्पादन में अव्वल है दियारा
गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में गोपलगंज जिले का दियारा क्षेत्र अव्वल माना जाता है। । विभाग के आंकड़े के अनुसार 16 जून तक 30 हजार 1 सौ 98 एकड़ में गन्ना की बुआई की गई है। जिसमें दियारा क्षेत्र के 35 हजार से अधिक किसानों ने 22 हजार हेक्टेयर जमीन में गन्ने की खेती की है। लेकिन क्षेत्र में दो माह पहले आई बाढ़ के कारण फसल बर्बाद हो चुकी है। जिससे किसानों के सामने संकट गहरा गया है। 

पिछले साल भी बर्बाद हुई थी 50 करोड़ की फसल
किसानों ने बताया कि पिछले साल भी जिले में भीषण बाढ़ आई थी। दियारा क्षेत्र में 4 महीने तक जलभराव कायम रहा था जिससे 50 करोड़ की गन्ने की फसल पूरी तरह सड़कर बर्बाद हो गई थी। लेकिन मुआवजा के नाम पर किसानों को सरकार की तरफ से एक फूटी कौड़ी तक नहीं मिली। 
 
किसानों का ‘कैश क्रॉप’ है गन्ना
गोपालगंज में गन्ना एक ‘कैश क्रॉप’ है। जिले में सिधवलिया व गोपालगंज चीनी मीलें संचालित हैं। इन चीनी मीलों में किसान अपना गन्ना बेचते हैं। इससे दियारे के गन्ना उत्पादक बीस हजार से अधिक किसानों के परिवार की दो जून की रोटी से लेकर शादी-विवाह व बच्चों की पढ़ाई निर्भर है। ऐसे में गन्ना किसानों को साहूकारों से लिये गए कर्ज, रोटी व बेटी की शादी की चिंता सताने लगी हैं। 

दियारा क्षेत्र में गन्ना फसल का बाढ़ से नुकसान होने की सूचना किसानों से मिली है। इसका आकलन किया जा रहा है।  चीनी मिलों के द्वारा सर्वे कराए जाने के बाद क्षति की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। 
-रामगोविंद सिंह, प्रभारी सहायक गन्ना निदेशक, गन्ना विभाग, गोपालगंज 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें