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बाढ़ का खतरा: उत्तर बिहार की नदियों में उतार-चढ़ाव, दरभंगा के दो दर्जन गांव अब भी संकट में ​

बारिश थमने से उत्तर बिहार की अधिकांश नदियों के जलस्तर में कमी आ रही है। हालांकि बागमती अभी कुछ जगहों पर लाल निशान से ऊपर है। वहीं कमला का जलस्तर घटने से थोड़ी राहत है, पर वह अब भी झंझारपुर में लाल...

बाढ़ का खतरा: उत्तर बिहार की नदियों में उतार-चढ़ाव, दरभंगा के दो दर्जन गांव अब भी संकट में ​
मुजफ्फरपुर। हिन्दुस्तान टीम ​​Thu, 02 Jul 2020 08:17 PM
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बारिश थमने से उत्तर बिहार की अधिकांश नदियों के जलस्तर में कमी आ रही है। हालांकि बागमती अभी कुछ जगहों पर लाल निशान से ऊपर है। वहीं कमला का जलस्तर घटने से थोड़ी राहत है, पर वह अब भी झंझारपुर में लाल निशान के करीब है। दरभंगा में नदियों का जलस्तर घटने के बाद भी खतरा बना हुआ है।

गौड़ाबौराम प्रखंड का चतरा गांव बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। यहां का चतरा घाट पुल दूसरे दिन भी पानी में डूबा रहा। इससे दर्जनों गांवों के लोगों का आवागमन पिछले 72 घंटे से बाधित है।  इस जिले के जिन डूब क्षेत्रों के गांवों में बारिश के दौरान पानी प्रवेश कर गया था वहां समस्या बरकरार है। इस प्रखंड के छह गांव पूरी तरह पानी से घिरे हैं। घनश्यामपुर प्रखंड के डूब क्षेत्र में बसे दस गांव अभी भी चारों ओर से पानी से घिरे हैं। यहां लोगों का आवागमन बाधित है। लोगों का नाव ही आवागमन का एकमात्र साधन बचा हुआ है। वहीं कुशेश्वरस्थान प्रखंड की तीन पंचायत में पानी घटने से कटाव जारी है। ​

इधर, मधुबनी के झंझारपुर में कमला के जलस्तर में तीन दिनों में 50 सेमी की कमी आयी है। गुरुवार को यहां कमला खतरे के निशान के करीब आयी है। सीतामढ़ी के कटौझा में बागमती खतरे के निशान से तीसरे दिन भी ऊपर रही। यहां बागमती के जलस्तर में कमी आ रही है। इस जिले में अन्य जगहों पर बागमती व अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।  ​​

मुजफ्फरपुर में तेजी से घट रहा बागमती का जलस्तर, बूढ़ी गंडक में बढ़ोतरी  ​​

मुजफ्फरपुर में बागमती के जलस्तर में तेजी से कमी आ रही है। हालांकि बारिश के दौरान नदियों का पानी जिन गांवों के आसपास फैली थी वहां अभी भी समस्या है। तटबंध किनारे बसे गांवों को जोड़ने वाली चचरी बह जाने से औराई व कटरा के लोगों को आवागमन बाधित है। मुजफ्फरपुर में गुरुवार को रेवाघाट में गंडक का जलस्तर 53.23 मीटर पर रहा, यहां खतरे का निशान 54.41 मीटर पर है। बूढ़ी गंडक का सिकंदरपुर में जलस्तर में दो दिनों से लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार को सिकंदरपुर में 19 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, यहां 48.23 मीटर पर जलस्तर रिकार्ड किया गया है जबकि लाल निशान 52.53 मीटर पर है।​​​

चंपारण में गंडक का जलस्तर स्थिर,कटाव का खतरा बढ़ा : ​​

बेतिया में गंडक के जलस्तर में लगातार कमी आ रही है। अब कटाव का खतरा बढ़ गया है। सिकरहना व पंडई नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है। गंडक, सिकरहना, पंडई समेत सभी नदियों के तटबंध पर इंजीनियरों को तैनात किया गया। जिले के बैरिया के बैजुआ बीन टोली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।  बैरिया के बैजुआ व रघई में गंडक नदी तेजी से कटाव कर रही है। वाल्मीकिनगर बराज से गुरुवार शाम छह बजे 71500 क्यूसेक पानी गंडक में छोड़ा गया। ​

मोतीहरी में गंडक और बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से नीचे बह रही है। जलस्तर में कमी से जगह जगह कटाव का खतरा बना हुआ है। अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) अनिल कुमार ने बताया कि जिले में फिलहाल बाढ़ की स्थिति नहीं है। फिर भी प्रशासन अलर्ट है। ​

समस्तीपुर में गंगा व बूढ़ी गंडक में उफान ​​

समस्तीपुर जिले में गंगा, बूढ़ी गंडक व करेह में उफान जारी है। सरारी में गंगा का जलस्तर में नौ सेमी की बढ़ोतरी हुई है यहां गुरुवार को जलस्तर  43.30 मीटर पर रिकार्ड किया गया जो अभी खतरे के निशान से नीचे है। बूढ़ी गंडक के जलस्तर में इजाफा हो रहा है। बूढ़ी गंडक का जलस्तर 41.60 मीटर रिकार्ड किया गया।​

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