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बाढ़ से बर्बादी: बागमती में फिर उफान, दरभंगा शहर में घुसा बाढ़ का पानी, मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक लाल निशान से ऊपर

उत्तर बिहार में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से बाढ़-कटाव का संकट अभी कई जिलों में कायम है। रविवार को बागमती का जलस्तर बढ़ने से दरभंगा शहर के आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया।...

बाढ़ से बर्बादी: बागमती में फिर उफान, दरभंगा शहर में घुसा बाढ़ का पानी, मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक लाल निशान से ऊपर
मुजफ्फरपुर। हिन्दुस्तान टीमSun, 09 Aug 2020 06:39 PM
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उत्तर बिहार में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से बाढ़-कटाव का संकट अभी कई जिलों में कायम है। रविवार को बागमती का जलस्तर बढ़ने से दरभंगा शहर के आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया। शहर के पश्चिमी इलाके बेला, जालान कॉलेज इलाका, नया घराड़ी समेत कई मोहल्लों में पानी एक से दो फीट की तक पहुंचा है।

एनएच 57 की ओर से बाढ़ का पानी आने के कारण कई अन्य मोहल्लों में स्थिति गंभीर बनी है। दरभंगा के शहरी क्षेत्र से सटे इलाकों में बाढ़ का पानी कई दिनों से फैला हुआ है अबतक नाव की सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, सिंहवाड़ा प्रखंड में कमतौल-भरवाड़ा सड़क पर पानी चढ़ने से यातायात बाधित होने का खतरा बढ़ गया है। हनुमाननगर प्रखंड में बाढ़ का पानी कमने का नाम नहीं ले रहा है इससे लोगों की परेशानी बनी हुई है।

पूर्वी चंपारण के केसरिया प्रखंड में अब भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। शहरी क्षेत्र में भी बाढ़ का पानी बढ़ने से लोगों में दहशत है। वहीं चटिया में गंडक का जलस्तर घटने से लोगों में थोड़ी राहत है। उधर, वाल्मीकिनगर बराज से रविवार को गंडक में 142100 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अभी गंडक की स्थिति सामान्य रहने से पश्चिम चंपारण में संकट कमा है। फिर भी रविवार शाम से तराई इलाकों में हुई बारिश से दियारा के लोगों की चिंता एक बार फिर बढ़ चली है।  

मुजफ्फरपुर में बाढ़ का पानी में तेजी से निकल रहा है। औराई-कटरा व अन्य प्रखंडों में बाढ़ से लोगों को राहत मिली है। हालांकि अभी सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी जमा हुआ है। इस कारण लोग काफी संख्या में सुरक्षित स्थान पर शरण लिये हुए हैं। रविवार को गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे रहा। जल संसाधन विभाग ने रेवाघाट पर गंडक नदी का जलस्तर 53.71 रिकार्ड किया यहां खतरे का निशान 54.41 मीटर पर है। वहीं बूढ़ी गंडक सिकंदरपुर में खतरे के निशान से ऊपर रही। यहां नदी का जलस्तर 52.97 मीटर है जबकि यहां खतरे का निशान 52.53 मीटर पर निर्धारित है।

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