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युवाओं का टीका खत्म, बुजुर्ग नहीं ले रहे रुचि... पटना में 18 पार वालों को आज भी नहीं लगेगी वैक्सीन

कोरोना महामारी से बचने का एक मात्र हथियार टीका है लेकिन पटना में टीका की कमी है। युवाओं के लिए यानी 18 पार वालों का टीका पिछले कई दिनों से खत्म है। रविवार को लगातार पांचवें दिन युवाओं को टीका नहीं...

युवाओं का टीका खत्म, बुजुर्ग नहीं ले रहे रुचि... पटना में 18 पार वालों को आज भी नहीं लगेगी वैक्सीन
पटना, हिन्दुस्तान टीमSun, 30 May 2021 10:23 AM
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कोरोना महामारी से बचने का एक मात्र हथियार टीका है लेकिन पटना में टीका की कमी है। युवाओं के लिए यानी 18 पार वालों का टीका पिछले कई दिनों से खत्म है। रविवार को लगातार पांचवें दिन युवाओं को टीका नहीं लगेगा। वहीं, बुजुर्गों में टीका का दूसरा डोज लगवाने के प्रति रुचि नहीं देखी जा रही है। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्र के अस्सी हजार बुजुर्गों ने दूसरा टीका नहीं लगवाया है। 

पटना के युवाओं में टीकाकरण को लेकर खासा उत्साह दिखा। नौ मई से 18 पार वालों का टीकाकरण शुरू किया गया था। इस बीच टीका की कमी के चलते करीब दस दिन ही युवाओं का टीकाकरण हो पाया। इतने दिनों में ही पटना में एक लाख 25 हजार 455 युवाओं ने टीका लिया। कई युवा स्लॉट बुक नहीं हो पाने के कारण निराश भी हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि टीकाकरण के प्रति उत्साह बना हुआ है। इसलिए सरकार को युवाओं के टीकाकरण पर ध्यान देना चाहिए।

टीका एक्सप्रेस के जरिए दिया जाएगा दूसरा डोज 
45 पार वालों का टीकाकरण एक अप्रैल से शुरू हुआ था। जबकि इनके लिए टीका की कोई कमी नहीं है। फिर भी लोग रुचि नहीं ले रहे हैं। अभी तक जिला के 45 वर्ष से अधिक उम्र के सात लाख 42 हजार 558 लोगों को टीका दिया गया है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.एसपी विनायक ने कहा कि 45 पार वालों के लिए टीका पर्याप्त उपलब्ध है। वहीं जिन्होंने अभी तक दूसरा डोज नहीं लिया है उनके लिए और अन्य बुजुर्गों के टीकाकरण के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। 

गांवों में 80 हजार ने नहीं ली वैक्सीन की दूसरी डोज
पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 80 हजार ऐसे लोग चिन्हित किए गए हैं, जो कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ले पाये हैं। इनमें से अधिकतर लोगों के दूसरी डोज दिए जाने से संबंधित अवधि भी समाप्त हो गई है। 45 आयु वर्ग से अधिक के ऐसे लोगों को वैक्सीन देने के लिए शनिवार से ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान शुरू किया गया।  

अधिकारियों का कहना है कि दूसरी डोज न लेने के तीन प्रमुख कारण है। पहला डोज देने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों ने दूसरी डोज देने के लिए तत्परता नहीं दिखाई। को-वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण कई सेंटरों पर लोगों को नहीं दिया गया या उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। तीसरा कारण, अधिकतर लोगों को वैक्सीन अप्रैल में दी जानी थी, लेकिन उस समय बीमारी चरमोत्कर्ष पर थी, जिसके कारण लोग समय पर दूसरा डोज नहीं ले पाए। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा भी लोगों को यकीन दिलाने की कोई पहल नहीं की गई अन्यथा सभी लोगों को समय पर वैक्सीन का डोज दे दिया जाता। टीकाकरण अभियान के नोडल पदाधिकारी और एडीएम सामान्य विनायक मिश्रा ने बताया कि वैक्सीन के दूसरे डोज के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।

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