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BIHAR: सीएम नीतीश ने की आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की वकालत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की वकालत की। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि आखिर कब-तक एक सीमा तक आरक्षण रहेगा। आबादी के अनुरूप सभी जातियों को आरक्षण मिलना...

BIHAR: सीएम नीतीश ने की आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की वकालत
लाइव हिन्दुस्तान टीम,पटनाFri, 25 Jan 2019 11:18 AM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की वकालत की। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि आखिर कब-तक एक सीमा तक आरक्षण रहेगा। आबादी के अनुरूप सभी जातियों को आरक्षण मिलना चाहिए। नीतीश कुमार गुरुवार को जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आबादी के अनुरूप सभी जातियों को आरक्षण के लिए जरूरी है कि 2021 में जाति के आधार पर जनगणना हो। वर्ष 2011 के सामाजिक, आर्थिक, जाति जनगणना के संबंध में कहा कि इस सर्वेक्षण के आंकड़े ठीक नहीं हैं।

इसलिए इसे आजतक प्रकाशित नहीं किया गया। सर्वेक्षण की जरूरत भी नहीं है। जाति आधारित जनगणना हो जाने से किस जाति की कितनी संख्या है, यह साफ हो जाएगी। इसके बाद संविधान में संशोधन कर यह प्रावधान किया जाना चाहिए, जिससे आबादी के अनुसार सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि बिहार की तर्ज पर केंद्र में भी पिछड़ा वर्ग को दो श्रेणियों में बांटकर आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए।

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अति पिछड़ों के अधिकारों से समझौता नहीं किया
बिना नाम लिए उन्होंने लालू प्रसाद पर निशाना साधा और कहा कि 1993 में बिहार सरकार अतिपिछड़ों के आरक्षण को समाप्त कर सिर्फ पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का प्रावधान करना चाहती थी। मैंने इसका विरोध किया और यह होने नहीं दिया। इसके बाद मेरे खिलाफ जुलूस निकालने की कोशिश की गई। मैंने कभी अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा-अतिपिछड़ा, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों से कोई समझौता नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि समाज में घृणा फैलाने और शांति भंग करने वालों को आपलोग करारा जवाब दें। सोशल मीडिया पर सकारात्मक बातें फैलाएं, जिससे शांति, प्रेम और सद्भाव का वातावरण बने। 

अलग-अलग जाति में न बंटे अतिपिछड़ा वर्ग
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिपिछड़ा समाज को अलग-अलग जाति में बंटना नहीं, बल्कि एकजुट रहना चाहिए। आज आपलोगों को जो सम्मान मिला है, उससे समझौता नहीं कीजिएगा। आरक्षण का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि आप सक्षम बनें।  बेटे-बेटियों को खूब पढ़ाएं। गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण केंद्र ने दिया है, जिसे बिहार में भी लागू किया जाएगा। इससे अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए पूर्व से निर्धारित आरक्षण में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कर्पूरी ठाकुर 64 साल की उम्र में ही दुनिया से चले गए, नहीं तो वे देश के प्रधानमंत्री भी बनते।

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