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Bihar Board 10th Result: किसान-मजदूर के बेटे बने बिहार टॉपर

किसान-मजदूर के बेटों ने एक बार फिर बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट में परचम लहराया है। गांव-कस्बों और किसान-मजदूर के बेटे बिहार टॉपर बने हैं। शनिवार को जारी रिजल्ट में 80.73 फीसदी बच्चे सफल रहे हैं जो...

Bihar Board 10th Result: किसान-मजदूर के बेटे बने बिहार टॉपर
पटना। कार्यालय संवाददाताSun, 07 Apr 2019 09:14 AM
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किसान-मजदूर के बेटों ने एक बार फिर बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट में परचम लहराया है। गांव-कस्बों और किसान-मजदूर के बेटे बिहार टॉपर बने हैं। शनिवार को जारी रिजल्ट में 80.73 फीसदी बच्चे सफल रहे हैं जो पिछली बार से 11.84 फीसदी ज्यादा है। मेरिट लिस्ट में सिमलुतला का दबदबा रहा है। एक भी छात्रा टॉप 10 की लिस्ट में नहीं है। 

इस बार भी ज्यादातर टॉपर गरीब परिवार से हैं। सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्र सावन राज भारती ने 486 अंक लाकर बिहार में टॉप किया है। मूल रूप से बांका के रहने वाले सावन के पिता ओंकार भारती किसान और मां गृहिणी हैं। इसी विद्यालय के रॉनित राज ने 483 अंक लाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। रॉनित के पिता आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। नियोजित शिक्षक अजय को पिछले चार साल से मानदेय नहीं मिला है। आर्थिक तंगी में भी उन्होंने बेटे की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। 481 अंक लाकर तीसरे स्थान पर रहे प्रियांशु राज के पिता मुकेश कुमार सिंह मजदूर और मां रानी देवी गृहिणी हैं। मुकेश गांव के ही एक आटा चक्की मिल में मजदूरी करते हैं। 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन और बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने दोपहर एक बजे रिजल्ट जारी किया। मूल्यांकन शुरू होने के 29 दिनों के अंदर रिजल्ट जारी हुआ है। सिमलुलता के विद्यार्थियों ने इस बार भी कमाल कर दिया। टॉप-10 में शामिल 18 में से 16 सिमुलतला के ही हैं। पांचवें स्थान तक इसी विद्यालय के आठ छात्रों का कब्जा रहा। 

16 लाख 35 हजार 70 परीक्षार्थी शामिल परीक्षा में हुए थे। इसमें 13 लाख 20 हजार 03 फीसदी छात्र पास हुए। उत्तीर्ण विद्यार्थियों में छह लाख 83 हजार 990 छात्र और छह लाख 36 हजार 049 छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं। 

नालंदा जिला दूसरे साल भी टॉप पर
नालंदा जिला दूसरे साल भी सबसे बेहतर रिजल्ट दिया है। 2018 में जहां नालंदा से 82.58 फीसदी छात्र उत्तीर्ण हुए वहीं इस बार 89 फीसदी छात्र सफल हुए हैं। मुंगेर प्रमंडल का रिजल्ट सबसे बेहतर रहा। 

बिहार बोर्ड ने मूल्यांकन शुरू होने के 29 दिनों बाद रिजल्ट दिया है। जल्दी रिजल्ट के लिए बोर्ड ने अपना सॉफ्टवेयर बनाया था। उत्तीर्ण छात्रों को बधाई, असफल छात्रों को कंपार्टमेंटल में मौका मिलेगा। 
- आनंद किशोर, अध्यक्ष बिहार बोर्ड। 

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