Hindi Newsबिहार न्यूज़Bihar BJP leader Kameshwar Chaupal laid first brick of Ram temple in Ayodhya

बिहार के दलित भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल ने रखी थी राम मंदिर की पहली ईंट, ट्रस्ट के मेंबर बनाए गए

आयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में बिहार से भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल को भी शामिल किया गया है। रोटी के साथ राम का नारा देने वाले चौपाल ने ही 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर निर्माण के लिए...

बिहार के दलित भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल ने रखी थी राम मंदिर की पहली ईंट, ट्रस्ट के मेंबर बनाए गए
Malay Ojha पटना | हिन्दुस्तान ब्यूरो, Thu, 6 Feb 2020 06:37 AM
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आयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में बिहार से भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल को भी शामिल किया गया है। रोटी के साथ राम का नारा देने वाले चौपाल ने ही 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर निर्माण के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में पहली ईंट रखी थी। उस समय वह पूरे देश में चर्चा कें केंद्र में थे। 

राम मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन का अहम पड़ाव साल 1986 माना जाता है। उस साल कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर का दरवाजा खुला, जो वर्षों से बंद था। तब देश के धर्मगुरुओं ने तय किया कि आयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो। देश भर में मंदिर निर्माण के लिए शिलापूजन कार्यक्रम चला। वर्ष 1989 में राम मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम तय हुआ। इससे ठीक पहले कुंभ के मेले में धर्मगुरुओं ने तय किया कि किसी दलित शख्स से ही शिलान्यास कार्यक्रम कराया जाएगा। 1989 में जब शिलान्यास के लिए देश भर से कारसेवक जुटे तो सरकार के साथ जिच कायम हो गई, लेकिन वार्ता के बाद शिलान्यास कार्यक्रम तय हुआ। 

विहिप में बिहार के सह संगठन मंत्री होने के नाते कामेश्वर चौपाल भी आयोध्या में मौजूद थे। तब पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार धर्मगुरुओं ने कामेश्वर चौपाल को शिलान्यास के लिए पहली ईंट रखने को कहा। चौपाल इसके पहले तक अनजान थे। श्री चौपाल ने बताया कि हालांकि उन्हें यह पता था कि धर्मगुरुओं ने किसी दलित से ईंट रखवाने का निर्णय लिया है, लेकिन वे खुद होंगे, यह संयोग रहा। शिलान्यास के बाद चौपाल का नाम पूरे देश में छा गया। 

भाजपा ने रोसड़ा सुरक्षित लोस सीट से बनाया था उम्मीदवार 
शिलान्यास प्रकरण के बाद वे विधिवत भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हो गए। कामेश्वर चौपाल की लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने साल 1991 में रोसड़ा सुरक्षित लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। हालांकि वे चुनाव हार गए। इसके बाद 1995 में वे बेगूसराय की बखरी विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़े पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2002 में वे बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। 2014 तक वे विधान परिषद के सदस्य रहे। साल 2009 में हुए चुनाव में उन्होंने रोटी के साथ राम का नारा लगाया। 

वर्ष 2014 में सुपौल लोकसभा से लड़े थे चुनाव  
इसी बीच 2014 में पार्टी ने इन्हें सुपौल लोकसभा का उम्मीदवार बनाया। हालांकि वे अपने गृह जिले सुपौल में भी चुनाव हार गए लेकिन भाजपा उम्मीदवार के रूप में उन्होंने दो लाख 49 हजार वोट प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया। 24 अप्रैल 1956 में जन्मे कामेश्वर चौपाल ने जेएन कॉलेज मधुबनी से स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद मिथिला विवि दरभंगा से 1985 में एमए की डिग्री ली।

उपहास उड़ाने वालों की बोलती बंद हुई : सुशील मोदी 
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजनीतिक कारणों से भारतीय संस्कृति के आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण करने की बात करने पर उपहास और विरोध करने वालों की आज बोलती बंद है। बिहार में जो लोग समाज को जात-पात में बांटकर अपना जंगलराज चलाने के लिए मंदिर निर्माण के राम-काज में हर स्तर पर बाधा डाल रहे थे और अयोध्या रथयात्रा रोकने पर अहंकार से भर गए थे, वे आज जेल में सजा काट रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि श्रीराम ने रावण का भी अहंकार नहीं रहने दिया था लेकिन कुछ लोग न रामकथा से सीखते हैं न इतिहास से। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में लगातार 40 दिनों तक सुनवाई कर श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए सर्वसम्मति से गत 9 नवंबर 2019 को जो ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, उसका पालन करते हुए केंद्र सरकार ने 15 सदस्यीय स्वायत्त ट्रस्ट गठित करने का फैसला कर देश-विदेश में बसे करोड़ों रामभक्तों की मनोकामना पूर्ण करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। 

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