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बिहार विधानसभा चुनाव: महागठबंधन में तय नहीं सीट बंटवारे का फॉर्मूला

महागठबंधन के घटक दल अपने-अपने खेमों में चुनावी तैयारी में तो लगे हैं लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर अभी कोई फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है। काफी समय से महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग भी उठ रही है।...

बिहार विधानसभा चुनाव: महागठबंधन में तय नहीं सीट बंटवारे का फॉर्मूला
पटना, हिन्दुस्तान टीमTue, 11 Aug 2020 07:05 PM
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महागठबंधन के घटक दल अपने-अपने खेमों में चुनावी तैयारी में तो लगे हैं लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर अभी कोई फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है। काफी समय से महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग भी उठ रही है। पहले यह मांग जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी कर चुके हैं। वहीं अब कांग्रेसी कैंप से भी इसकी मांग उठ रही है। यूं तो कांग्रेस की ओर से लगातार सीट बंटवारे में दिक्कत न होने के बयान आते रहे हैं। मगर इस बार बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल का बिना किसी सहयोगी से मिले लौटना, बता रहा है कि यह सब उतना आसान नहीं है।

हालांकि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे में हुई देरी से सबक लेकर इस बार थोड़ी तेजी दिखाने की कोशिश कर रही है। पार्टी की ओर से महागठबंधन को एकजुट करने की पहल भी की जा रही है। हाल ही में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी वर्चु्अल संवाद में सभी सहयोगी दलों से एक मंच पर आने का आह्वान कर चुके हैं। दरअसल, महागठबंधन के कई घटक दल राजद के रुख को लेकर असहज हैं। खासतौर से हम के जीतनराम मांझी और रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा। इसीलिए वे लगातार समन्वय समिति की मांग उठाते रहे हैं। अब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने भी राहुल गांधी से समन्वय समिति बनवाने को पहल करने का आग्रह किया है। उन्होंने सीटों के अनुपातिक बंटवारे की भी मांग की है। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने भी सोमवार को 80 सीटों से चुनाव लड़ने की बात कही।

महागठबंधन में अभी तक सीटों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा सहित तमाम पार्टी नेता पहले से ज्यादा सीटों पर इस बार लड़ने का दावा जरूर कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस इस बार वामदलों को भी महागठबंधन में शामिल किए जाने की वकालत कर रही है। अब देखना यह है कि महागठबंधन में कौन-कौन रहेगा और किसके हिस्से कितनी सीटें आएंगी।

वर्चुअल बैठकों और डाटा बैंक मजबूत करने में जुटी कांग्रेस 
कांग्रेस एक ओर कोरोना और बाढ़ का हवाला देकर चुनाव टाले जाने की मांग उठाती रही है। दूसरी ओर चुनावी तैयारियों में भी जुटी है। छह अगस्त को राहुल गांधी ने प्रदेश से प्रखंड तक के कार्यकर्ताओं से चुनावी संवाद किया। जल्द से जल्द सीटें फाइनल करने और पूरे दम से चुनाव में उतरने को कहा। जल्द ही बिहार दौरे का भी ऐलान किया था। कांग्रेस ने अभी तक कोई वर्चुअल रैली तो नहीं की लेकिन बीते तीन महीने से पार्टी वर्चुअल बैठकें लगातार कर रही है। प्रदेश मुख्यालय के साथ पार्टी के प्रमुख नेताओं ने घर पर भी वार रूम बना लिए हैं। बिहार के प्रभारी सचिव अजय कपूर और बीरेंद्र सिंह राठौड़ जिलावार बैठकें कर रहे हैं। 

बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा भी कई बैठकें कर चुके हैं। पार्टी वरिष्ठ नेताओं को जिलों का प्रभार भी सौंप चुकी है। इन दिनों कांग्रेस का बिहार में डिजिटल सदस्यता अभियान चल रहा है। इसके सहारे पार्टी नए लोगों को जोड़ने के अलावा मोबाइल नंबरों का एक डाटा बैंक भी तैयार कर रही है ताकि इनका उपयोग चुनावी संदेश भेजने में किया जा सके।
 

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