बिहार कृषि विश्वविद्यालय इकलौता केन्द्र जहां तैयार होता है संवर्धित वर्मी कंपोस्ट, जानिये खेती में कैसे आएगी क्रांति
वैज्ञानिक डा. अरुण कुमार झा ने बताया कि सामान्य रूप से वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है। यहां संवर्धित वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाता है। यह इकलौता केन्द्र ऐसा है, जहां इस तरह का वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है
भागलपुर का बिहार कृषि विश्वविद्यालय अब सामान्य के साथ-साथ संवर्धित वर्मी कंपोस्ट के लिए भी किसानों को प्रशिक्षित करेगा। इसको लेकर बीएयू का प्रसार शिक्षा विभाग और कृषि विज्ञान केन्द्र साथ में काम करेगा। बीएयू के इस खास तरह के वर्मी कंपोस्ट को आईएसओ 9000:2015 मिला है। इस उत्पाद को अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के कारण आईएसओ (इंटरनेशनल आॅगेर्नाइजेशन फॉर स्टैंडर्ड) प्रमाणपत्र दिया गया है। इस वर्मी कंपोस्ट के लिए करीब 11 साल पहले ही प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। शोध के बाद इसे और गुणवत्तापूर्ण बनाया गया। प्रमाणपत्र मिलने के बाद से बीएयू इसे ज्यादा से ज्यादा किसानों के पास ले जाने की योजना पर काम कर रहा है।
सामान्य से ज्यादा पोषक तत्व हैं शामिल
वैज्ञानिक डा. अरुण कुमार झा ने बताया कि सामान्य रूप से वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है। हमारे यहां संवर्धित वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाता है। यह इकलौता केन्द्र ऐसा है, जहां इस तरह का वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है। इसमें सामान्य वर्मी कंपोस्ट से 50 फीसदी ज्यादा नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, सल्फर और पोटाश होते हैं। इसमें लाभदायक जीवाणु अजेटो बैक्टर भी मिलता है। इससे कम खर्च में खेत को ज्यादा पोषक तत्व मिलेगा साथ ही फसल का उत्पादन बेहतर होगा।
इस प्रोजेक्ट के तहत अभी तक भागलपुर, बांका, मुंगेर, पूर्णिया, अररिया आदि जिलों के करीब 350 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसमें से कुछ प्रशिक्षण किसानों ने अपना व्यवसाय भी शुरू किया है। इस केन्द्र से किसानों को प्रशिण के साथ केंचुआ मिल जाता है।
खास उद्देश्य के साथ हुआ था शुरू
इस वर्मी कंपोस्ट प्रोजेक्ट का उद्येश्य कचरा को रीसाइकिल करना था। यानी 'वेस्ट से वेल्थ' बनाना था। वर्मी कंपोस्ट को ज्यादा पोषणमान बनाया जायेगा। इसे उच्च गुणवत्ता तक बनाने में समय भी कम लग रहा है। इसको लेकर प्रसार शिक्षा निर्देश डा. आरके सोहाने ने बताया कि हर कृषि विज्ञान के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे उसी खर्च में किसानों को संवर्धित वर्मी कंपोस्ट मिलेगा और उनके खेतों का उत्पादन भी और बेहतर होगा।
इस बाबत बीएयू के कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि संवर्धित वर्मी कंपोस्ट के प्रचार प्रसार के लिए प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा आरपीएल और डोमेन प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षत किया जा रहा है। इसका प्रचार-प्रसार और बढ़ाने का प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त विवि के अधीन महाविद्यालयों और केवीके के स्तर पर भी इसे किसानों तक पहुंचाया जायेगा।
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