पटना हाई कोर्ट ने सूडान की दो महिलाओं को दी बड़ी राहत, दर्ज FIR किया रद्द; क्या है मामला जानिए
न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की एकल पीठ ने दोनों महिलाओं की ओर से दायर अर्जी को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया। एक वर्ष पूर्व नेपाल जा रही दोनों महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था।
पटना हाई कोर्ट से सूडान की दो महिलाओं को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और निचली अदालत में चल रही आपराधिक मामले को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि दोनों के वीसा की अवधि समाप्त हो चुकी है इसलिए नई दिल्ली स्थित सूडान दूतावास इस आदेश प्राप्ति के एक सप्ताह के भीतर दोनों महिलाओं का प्रभार ले ले और उनके देश के एम्बेसी की मदद से सूडान भेजने की कार्रवाई करें।
फैसला सुनाते हुए पटना हाई कोर्ट ने कहा कि इस दौरान दोनों को सूडान दूतावास से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी। न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की एकल पीठ ने दोनों महिलाओं की ओर से दायर अर्जी को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया। एक वर्ष पूर्व नेपाल जा रही दोनों महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था। इनके खिलाफ फॉरेन एक्ट की धारा 14 के तहत वीरपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने जांच कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया और निचली अदालत ने संज्ञान लेते हुए ट्रायल प्रक्रिया की शुरुआत कर दिया। दोनों महिलाओं ने निचली अदालत की कार्यवाही के साथ थाने में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी।उसी मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया जिसके बाद इन्हें बड़ी राहत मिली है।
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इनके वकील का कहना था कि जिस दिन प्राथमिकी दर्ज की गई उस दिन दोनों महिलाओं के पास वैध पासपोर्ट और वीसा था। लेकिन पुलिस ने उनकी एक बात नहीं मानी और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वकील ने दोनों की गिरफ्तारी और ट्रायल को पूरी तरह अवैध बताया और हाई कोर्ट से केस को निरस्त कर अदालती कार्रवाई रोकने की मांग की थी। केंद्र सरकार के वकील अरविंद कुमार ने भी हलफनामा दायर कर दोनों के पासपोर्ट और वीसा को वैध बताया। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिलाओं को आपराधिक मामले से मुक्त कर दिया।