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बिहार के बांका मदरसा ब्लास्ट में बड़ा खुलासा, ATS टीम ने पूरी की जांच 

  बिहार बांका के नवटोलिया मदरसा में धमाका पाउडर वाले दूध के डिब्बों से बनाए गए देसी बम से हुआ था। बम के आकार में बड़ा होने और एक साथ कई बम बक्से में रखे होने की वजह से जोरदार धमाका हुआ जिससे...

बिहार के बांका मदरसा ब्लास्ट में बड़ा खुलासा, ATS टीम ने पूरी की जांच 
हिन्दुस्तान ब्यूरो ,पटना Fri, 11 Jun 2021 08:14 AM
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बिहार बांका के नवटोलिया मदरसा में धमाका पाउडर वाले दूध के डिब्बों से बनाए गए देसी बम से हुआ था। बम के आकार में बड़ा होने और एक साथ कई बम बक्से में रखे होने की वजह से जोरदार धमाका हुआ जिससे मदरसे की दीवारें और छत गिर गई। जांच में यह बात भी सामने आ रही कि मदरसा में एक-दो नहीं बल्कि एक-एककर तीन धमाके हुए थे। हालांकि धमाकों को लेकर अलग-अलग बातें कहीं जा रही है। इस बिंदु पर पुलिस की जांच जारी है। इस बीच पटना से गई एटीएस की टीम भी मौके की जांच कर गुरुवार को पटना लौट गई।

सूत्रों के मुताबिक नवटोलिया के मदरसा में धमाके की वजह देसी बम था। पाउडर वाले दूध के डिब्बों का इस्तेमाल कर बम बनाए गए थे जिससे इसका आकार बड़ा था। विस्फोटक और कील आदि भरने के बाद इसे सुतली (पतली रस्सी) से बांधा गया। इसके बाद इन्हें एक बक्से में बंद कर रखा दिया गया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि बमों की संख्या कितनी थी। देसी बम होने के बावजूद धमाके में जिस तरह का नुकसान हुआ है उसको लेकर जानकारों का मानना है कि यह बम के आकार और बक्शे की वजह से हुआ। कम तीव्रता वाले सुतली बम को यदि कस के बांधा जाए और बंद जगह पर रख दिया जाए तो वह ज्यादा घातक होता है। ऐसी स्थिति में धमाका काफी जोरदार हो सकता है। माना जा रहा है कि बक्शे में एक साथ कई बम रखे गए थे। एक में धमाका होने के बाद बाकी भी फट गए। इस वजह से नुकसान ज्यादा हुआ। घटनास्थल का निरीक्षण एफएसएल के विशेषज्ञों के अलावा एटीएस की टीम भी कर चुकी है। पर वहां से टीएनटी, आरडीएक्स होने के प्रमाण नहीं मिले हैं। टीएनटी और आरडीएक्स हाई एक्सप्लोसिव में आते हैं। वहीं अमोनियम नाइट्रेट में फ्यूल वायल मिला दिया जाए तो वह भी उच्च तीव्रता का धमाका कर सकता है।

एनआईए जांच की चर्चा, पुलिस मुख्यालय का इनकार
बांका के मदरसा में हुए धमाकों की वजह जानने में केन्द्रीय एजेंसियां भी जुट गई हैं। खुफिया तौर पर इसकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है।  आतंकी घटनाओं की जांच की विशेषज्ञ मानी जानेवाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम के गुरुवार को बांका के नवटोलिया गांव पहुंचने के बाबत कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है। वहीं एनआईए द्वारा धमाके की जांच अपने जिम्मे लेने की चर्चा भी जोरों पर रही। हालांकि पुलिस मुख्यालय और बांका पुलिस दोनों ने ही इससे इनकार किया है।

क्या है पूरा मामला: 

8 जून को नवटोलिया स्थित मदरसा में जोरदार धमाका हुआ था। इस धमाके में वहां के मौलाना की मौत हो गई थी। धमाका इतना जोरदार था कि मदरसा का छत भी गिर गया था। भागलपुर स्थित एफएसएल के विशेषज्ञों की टीम वहां छानबीन और धमाके की वजह जानने के लिए भेजी गई। इसके बाद पटना से एटीएस के अफसरों को भी बांका भेजा गया है। एटीएस की टीम भी लौट आई है। इस बीच गुरुवार को एनआईए की एक टीम भी छानबीन के सिलसिले में नवटोलिया पहुंचने और धमाके की जांच अपने जिम्मे लिए जाने की चर्चा जोरों पर रही। हालांकि दोपहर तक एनआईए की टीम घटनास्थल पर नहीं पहुंची थी। 

एनआईए ने नहीं किया केस दर्ज:

एनआईए ने अभी तक इस केस का अनुसंधान भी अपने जिम्मे नहीं लिया है। पुलिस मुख्यालय ने भी एनआईए जांच से इनकार किया है। मदरसा में हुए धमाके की जांच एनआईए करेगी या नहीं इसको लेकर एक-दो दिनों में तस्वीर साफ हो सकती है। फिलहाल, एनआईए को न तो बिहार सरकार द्वारा इस मामले की जांच सौंपी गई है ना ही अबतक एनआईए ने इस बाबत अपने यहां कोई केस दर्ज किया है।

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