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बिहार: कोरोना काल में जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की किरण बना बाबू धाम ट्रस्ट

महात्मा गांधी की कार्यस्थली पश्चिमी चम्पारण जिले में आज इस कोरोना के संक्रमण काल में जहां दिहाड़ी मजदूरों के परिजनों को कई तरह की आर्थिक समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है, वहीं बाबू धाम ट्रस्ट के...

बिहार: कोरोना काल में जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की किरण बना बाबू धाम ट्रस्ट
आईएएनएस,बेतियाWed, 27 May 2020 06:55 PM
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महात्मा गांधी की कार्यस्थली पश्चिमी चम्पारण जिले में आज इस कोरोना के संक्रमण काल में जहां दिहाड़ी मजदूरों के परिजनों को कई तरह की आर्थिक समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है, वहीं बाबू धाम ट्रस्ट के सदस्य इस क्षेत्र में लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण बने हुए हैं। बाबूधाम ट्रस्ट के सदस्य इस दौर में जहां गरीबों और जरूरतमंंदों के बीच खाद्य सामग्री बांट रहे हैं वहीं मास्क लगाने और 'दो गज दूरी, है जरूरी' जैसी जरूरी मानक के लिए लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।

ट्रस्ट के संस्थापक और भारत सरकार के विभिन्न विभागों में वरीय पदाधिकारी रह चुके अजय प्रकाश पाठक ने बताया कि कोरोना के इस संक्रमण काल में भी लोगों को बाढ़ विपदा वाली समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था लगातार विभिन्न गांवों में पहुंचकर राशन में चावल, आटा, आलू, प्याज, नमक, हल्दी, सोयाबीन और साबुन रख कर एक पूरा पॉकेट तैयार कर लोगों को उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि मास्क और सेनिटाइजर भी शहरी इलाकों में बांंटे जा रहे। सामुदायिक किचन चलाकर लोगों को भोजन भी कराया जा रहा है।

वे कहते हैं, 'लौरिया, चनपटिया, गौनाहा, बगहा, वाल्मिकीनगर, मधुबनी, और नरकटियागंज के कई पंचायतों में चूडा और गुड़ भी वितरित किया जा रहा है।' पाठक के इन सामाजिक कार्यो में उनकी पत्नी मंजू बाला पाठक भी कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़ी है। पाठक का दावा है कि इस ट्रस्ट को अब तक किसी प्रकार की कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है।

मेघवाल मठिया गांव के ट्रस्ट के लोगों ने जब जरूरमंदों के हाथों में राशन के पैकेट बांटे तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हालांकि उन्हें इस बात का मलाल था कि अब राशन तो मिल गया लेकिन इसे तैयार कैसे करेंगे। गांव की बुजुर्ग मांगो देवी के घर राशन नहीं है। राशन मिलने से खुश वे कहती हैंं राशन मिल गया तो अब किसी तरह लकड़ी जलाकर खाना बनाएंगे।

ट्रस्ट के कार्यकर्ता मुन्ना मिश्र कहते हैं, 'बाबू धाम ट्रस्ट पश्चिमी चम्पारण में लगभग 10 वर्षों से गरीब दीन-हीन असहाय लोगों की सेवा करती आ रही है। इस ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य यही रहा है कि गरीब लोगों की हर प्रकार से मदद की जाए और गरीबी से निकलने वाली उनकी आंसू को नहीं बहने दिया जाए।'

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