अशोक चौधरी को मिला शिक्षा मंत्री का भी प्रभार, अब संभालेंगे तीन विभाग
बिहार में एनडीए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार बना ली है, लेकिन विवादों से दामन अब भी नहीं छूट रहा है। भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण विरोधी दलों के निशाने पर आने वाले शिक्षा मंत्री...
बिहार में एनडीए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार बना ली है, लेकिन विवादों से दामन अब भी नहीं छूट रहा है। भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण विरोधी दलों के निशाने पर आने वाले शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल फागू चौहान ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। डॉ. मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद बिहार के भवन निर्माण और समाज कल्याण विभाग के मंत्री अशोक चौधरी को शिक्षा मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
अशोक चौधरी पर पहले से ही बिहार के भवन निर्माण और समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर राज्यपाल ने अगले आदेश तक अशोक चौधरी को शिक्षा मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया है। अशोक चौधरी जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। वह पहले कांग्रेस में भी रह चुके हैं।
मेवालाल ने पहले पदभार संभाला, फिर दिया इस्तीफा
विवादों में घिरे शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी ने आज ही पदभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो हमारे खिलाफ बोल रहे हैं और यह कह रहे है कि मेरी पत्नी की मौत के लिए मैं जिम्मेवार हूं, उनके खिलाफ आज ही 50 करोड़ की मानहानि का केस करूंगा और आज ही उनके पास लीगल नोटिस जाएगा, लेकिन शाम होते होते उन्होंने इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति रहते समय मेवालाल चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और उन पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी। इसके बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से उन्हें निलंबित कर दिया गया था। यही वजह है कि विपक्ष लगातार नीतीश सरकार को टारगेट पर ले रही है।
तेजस्वी यादव लगातार मेवालाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को उठा रहे थे। आज भी उन्होंने इस मसले पर ट्वीट कर हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हत्या और भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में IPC की 409, 420, 467, 468, 471 और 120B धारा के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाने से बिहारवासियों को क्या शिक्षा मिलती है?