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बिहार: आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर करेंगी मधुमेह की जांच

राज्य में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों की मधुमेह जांच करेंगी। स्वास्थ्य विभाग एवं जापान की कंपनी एनईसी के बीच हुए करार के अनुसार मनेर की चार पंचायतों में 16 आशा...

बिहार: आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर करेंगी मधुमेह की जांच
पटना हिन्दुस्तान टीमMon, 10 Feb 2020 10:26 AM
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राज्य में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों की मधुमेह जांच करेंगी। स्वास्थ्य विभाग एवं जापान की कंपनी एनईसी के बीच हुए करार के अनुसार मनेर की चार पंचायतों में 16 आशा कार्यकर्ता पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मधुमेह जांच की शुरुआत करेंगी। वे व्यक्तियों के वजन, लंबाई, कमर की चौड़ाई, जीवनचर्या इत्यादि का ब्योरा एंड्रॉयड टैबलेट के माध्यम से ऑनलाइन एकत्र करेंगी। सभी मापकों के लिए पूर्व से अंक का निर्धारित होगा। चार अंक से अधिक पाए जाने पर रोगी को एएनएम के माध्यम से नजदीकी अस्पताल के डॉक्टर के पास चिकित्सकीय परामर्श के लिए भेजा जाएगा। राज्य सरकार ने गैर संचारी रोग मधुमेह की जांच व रोकथाम को लेकर आधुनिक तकनीक के सहयोग से ‘जज्बा’ नामक एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके नतीजे बेहतर मिलने पर इसके पूरे राज्य में विस्तार की योजना है। रविवार को स्थानीय होटल में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सूचना मंत्री नीरज कुमार व सांसद रामकृपाल यादव की मौजूदगी में बिहार सरकार व एनईसी, जापान के बीच करार पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। 

इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य जांच सेवाओं को पूरे बिहार में लागू करेगी। गैर संचारी रोगों के नियंत्रण को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के माध्यम से कई प्रयास किए जा रहे है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीक के माध्यम से हो रहे नए प्रयोगों को बिहार में भी अपनाने का निर्णय लिया है। ताकि बिहार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। दो माह बाद वे पायलट प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे और सकारात्मक परिणाम आने पर इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। समिति के माध्यम से कई प्रकार के एप भी विकसित किए जा रहे हैं। 

जापान की मदद से स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार होगा
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की भी दिनचर्या बदल रही है। बीमारी से बचने के लिए  वे सुबह की सैर करने लगे हैं। सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि जापान की तकनीकी मदद से स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार होगा। गांव में गरीबों को मधुमेह से बचाव करने में मदद मिलेगी। 

यह शुरुआत भले ही छोटी है लेकिन स्वयं में बहुत बड़ी है। 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की मधुमेह जांच की जाएगी और उसका डाटाबेस तैयार कर उन्हें स्वस्थ्य रहने के तरीके व इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
-मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री  

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